मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गरीब अभिभावकों को अब अपनी बेटियों के विवाह की चिंता नहीं करनी चाहिए। उनका मामा बेटियों की शादी करवा रहा है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में सरकार द्वारा सामूहिक विवाह कराए जाते हैं और वर-वधू को 49-49 हजार रुपए के चेक गृहस्थी की सामग्री खरीदने के लिए प्रदाय किए जाते हैं। इस योजना का प्रारंभ वर्ष 2006 में किया गया था, तब से आज तक मध्य प्रदेश की लाखों गरीब बेटियों के विवाह/ निकाह हमारी सरकार ने करवाए हैं।
मुख्यमंत्री चौहान धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ आज सीहोर जिले के गिल्लौर, तहसील भैरुंदा में मुख्यमंत्री कन्या विवाह /निकाह आयोजन में सम्मिलित हुए। उन्होंने विवाह /निकाह कर रहे 470 जोड़ों को आशीर्वाद एवं शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि “मामा की दुआएँ लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिले”।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बहन-बेटियों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। लाड़ली लक्ष्मी और मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के बाद अब लाड़ली बहना योजना प्रारंभ की गई है, जिसमें बहनों को 1000 रूपये की राशि प्रतिमाह दी जाती है। अब इस योजना में न्यूनतम आयु की सीमा को घटाकर 21 वर्ष कर दिया गया है। योजना में धीरे-धीरे राशि बढ़ाई जाएगी और 3000 रूपये तक प्रतिमाह बहनों को दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आजीविका मिशन में बहनों को जोड़कर उनकी आमदनी बढ़ाई जाएगी। हमारा लक्ष्य है, हर बहन की माह में कम से कम 10 हजार रूपये आमदनी हो। मेरी हर बहन लखपति हो। हमें बहनों को मजबूर नहीं रहने देना है, मजबूत बनाना है। प्रदेश में कोई गरीबी में नहीं रहेगा, सरकार आपके साथ है, मामा आपके साथ है।
मुख्यमंत्री चौहान ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि विवाह एक पवित्र संस्कार है, पवित्र बंधन है। आपस में मिल-जुल कर साथ रहें। पति पत्नी के बीच का विश्वास नहीं तोड़ना चाहिए। विवाह से दो शरीर एक आत्मा हो जाते हैं। दोनों परिवारों का नाम रोशन करें। सुख और शांति पूर्वक रहें।
विवाह संस्कार पूरे विधि-विधान से संपन्न हुआ। सम्मेलन में 430 विवाह और 40 निकाह संपन्न हुए। आयोजन में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, सांसद रमाकांत भार्गव, विधायक करण सिंह आदि उपस्थित थे।