Home News Update मध्य प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश भर गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

मध्य प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश भर गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

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भोपाल/ कर्नाटक की सत्ता हाथ से फिसलने के बाद आशंकित भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार
को नए सिरे से जोश भरने की कोशिश की। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विस चुनावों से पहले भोपाल में
आयोजित प्रधानमंत्री मोदी के देशभर के बूथ प्रभारियों से संवाद कार्यक्रम और उनमें दिए गए टिप्स को लेकर कई मायने
निकाले जा रहे हैं।
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यकर्ताओं से संवाद में ही इन चुनावों के मुद्दे भोपाल से तय कर दिए हैं।
उन्होंने परिवारवाद, भ्रष्टाचार और भ्रम फैलाने वालों को देश भर में परास्त करने का मंत्र दिया। अलग-अलग राज्यों में क्षेत्रीय दलों और उनके पोषक परिवारों पर निशाना साधते हुए उन्होंने भाजपा को ही विकास का पर्याय बताने की दिशा
कार्यकर्ताओं को दी। प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्रीय दलों के साथ कांग्रेस पर भी हमले करते हुए विपक्ष की एकता को कठघरे में
खड़ा कर दिया।

उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि परिवारवाद और भ्रष्टाचार कांग्रेस के अस्त्र हैं, भाजपा इन पर किसी तरह का समझौता नहीं कर
सकती। उन्होंने अपनी सरकार की सफलताओं को आगे रखते हुए बताया कि पिछली कांग्रेस सरकार घपले-घोटालों से देश
को खोखला कर रही थी, जबकि 2014 के बाद से देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की दिशा में कई ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं।

2024 में मुख्य लड़ाई लड़नी है
प्रधानमंत्री मोदी के संवाद कार्यक्रम में विपक्षी एकता के प्रयासों को देश की प्रगति और जनहित के खिलाफ बताया गया।
इसकी बड़ी वजह है कि देश में परि
वारवाद को बढ़ावा देने वाली अलग-अलग पार्टियों से भाजपा को वर्ष 2024 में मुख्य लड़ाई लड़नी है। जिन राज्यों में इन
पार्टियों की सत्ता है, वहां लोकसभा की 150 से ज्यादा सीटें हैं।
यदि विपक्ष अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त करता है तो भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ऐसे में भाजपा किसी तरह की
चूक करने के मूड में नहीं है कि उस पर कोई आरोप लगे। जिन नेताओं पर भ्रष्टाचार के दाग हैं, उनसे भी पार्टी आने वाले
चुनाव में किनारा करेगी।

सामाजिक क्षेत्र में साफ छवि वाले लोगों को देंगे महत्व
पार्टी के बड़े नेताओं का यह भी मानना है कि मोदी ने जिस तरह कार्यकर्ताओं को सेवा कार्यों के लिए प्रेरित किया, उससे भी स्पष्ट है कि राजनीति में भी भाजपा सामाजिक क्षेत्र के साफ-सुथरे लोगों को महत्व देगी।
भाजपा को परिवारवाद पर पिछले करीब एक दशक से सफलता मिलती रही है, इसके चलते भाजपा आने वाले विधानसभा
चुनावों में भी परिवारवाद से किनारा करेगी। समय-समय पर प्रधानमंत्री मोदी परिवारवाद पर संकेत करते रहे हैं कि ऐसे
नेता बहुत उम्मीद न रखें, जो अपनी राजनीतिक विरासत परिवार को सौंपने की तैयारी कर रहे हैं।

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