देश में मौजूद 2000 के नोटों का लगभग 76 फीसदी वापस बैंकों में पहुंच चुका है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 3 जुलाई को बताया कि 30 जून तक 2000 रुपये के 76 फीसदी नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ गए हैं। यानी इन नोटों पर चलन से वापस लेने के एलान के 40 दिनों के भीतर ही दो तिहाई से ज्यादा नोट जमा किये जा चुके हैं। इन नोटों का मूल्य 2.72 लाख करोड़ रुपये है। RBI ने विज्ञप्ति में कहा है कि 30 जून तक बाजार में 2000 रुपये के नोट का सर्कुलेशन 84 हजार करोड़ रुपये है।
बैंकिंग सिस्टम में वापस आने वाले कुल नोटों में से 87 फीसदी डिपॉजिट के रूप में हैं और शेष 13 फीसदी को बैंक में एक्सचेंज किया गया है। केंद्रीय बैंक ने जनता से बचे हुए समय में 2000 रुपये के नोटों को बदलने या जमा करने का आग्रह किया है। बता दें कि RBI ने 19 मई को 2 हजार रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने का ऐलान किया था। इन नोटों को बैंक में जमा करने या एक्सचेंज करने की अंतिम तारीख 30 सितंबर है।
क्यों बंद हुए 2000 के नोट?
RBI ने 19 मई को 2 हजार रुपये के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी। RBI ने कहा था कि भारतीय रिजर्व बैंक की ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को सर्कुलेशन से वापस लेने का निर्णय लिया गया है। RBI गवर्नर ने कहा था कि यह मूल्यवर्ग ज्यादा इस्तेमाल में नहीं है और उच्च मूल्यवर्ग के नोटों से कोलेटरल समस्याएं पैदा हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि हमारे सर्वे में हमें पता चला कि 2000 रुपये के नोटों का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था।