महाराष्ट्र,05 जुलाई/ अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के साथ बगावत करते हुए शिंदे सरकार से हाथ मिला लिया है।अजित पवार के साथ पार्टी के 59 में से 40 विधायक बताए जा रहे हैं। वहीं 5 में से 3 सांसद भी शामिल हैं। इस तरह अब शरद पवार के सामने अपनी पार्टी को बचाने की चुनौती आ गई है।
अब एनसीपी प्रमुख शरद पवार देश की राजनीति का बड़ा चेहरा थे। कांग्रेस से अलग होने के बाद शरद पवार ने एनसीपी का गठन किया था। तब यह पार्टी यूपीए का हिस्सा रही है।
शिवसेना लंबे समय तक एनडीए में भाजपा की सहयोगी पार्टी रही, लेकिन पिछले चुनावों में उद्धव ठाकरे ने पाला बदल लिया। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच महाविकास अघाड़ी का गठन हुआ और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने।
बाद में शिंदे समर्थक विधायकों ने बगावत कर दी और न केवल उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद गंवाना पड़ा बल्कि शिवसेना भी दो फाड़ हो गई। कभी महाराष्ट्र को चलाने वाली कांग्रेस और अपेक्षाकृत कमजोर है, वहीं भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी हुई है।