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विकास यात्रा में पीछे छूटे लोगों के बारे में भी विचार करें उच्च शिक्षा प्राप्त विद्यार्थी : मुर्मू

Higher education students should also think about the people left behind in the journey of development: Murmu

ग्वालियर, 13 जुलाई| राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज उच्च शिक्षा प्राप्त विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि वे विकास यात्रा में पीछे छूट गए समाज के लोगों के बारे में भी सोचें क्योंकि दूसरों की सहायता करने से स्वयं की क्षमताओं का भी विकास होता है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु मध्यप्रदेश के ग्वालियर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान (आईआईआईटीएम) के चौथे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहीं थीं।

इस दौरान प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उपस्थित थे। ग्वालियर के इस संस्थान में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भी स्मरण किया। उन्होंने देश के विकास में उनके योगदान को रेखांकित किया। श्रीमती मुर्मू ने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि उनके अपेक्षा है कि वे विकास यात्रा में पीछे रह गए लोगों के बारे में भी विचार करेंं क्योंकि दूसरों की सहायता करने से स्वयं की क्षमताओं का भी विकास होता है। अपने कथन के समर्थन में उन्होंने कहा कि ये उनका स्वयं का अनुभव भी है। विद्यार्थी वंचित वर्ग की सहायता करें। उन्होंने एक गुरु की भांति विद्यार्थियों को जीवन मंत्र देते हुए कहा कि हम जिस रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं, उसे समय-समय पर परखें भी। हो सकता है कि कुछ साल बाद ये अहसास हो कि हम जिस रास्ते पर बढ़ रहे हैं, वो हमारे लिए ठीक नहीं है, ऐसे में निर्णय लेने में पीछे नहीं हटें।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में ये स्पष्ट है कि विद्यार्थी परंपराओं से जुड़ें और इसके साथ ही तकनीक को भी अपनाएं। इसके साथ ही उन्होंने इस संंस्थान के संदर्भ में कहा कि ये संस्थान उत्कृष्ट केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है। संस्थान में स्थानीय समुदाय की सहायता के लिए भी गतिविधियां संचालित होती हैं। ये संतोष की बात है कि संस्थान इस प्रकार देश के विकास में अपना योगदान दे रहा है। साथ ही उन्होंने संस्थान के प्रबंधन को संबोधित करते हुए कहा कि ये खुशी की बात है कि ज्यादा विद्यार्थियों का प्लेसमेंट हो गया है, लेकिन जिनका नहीं हुआ है, उनकी क्षमताओं को कम नहीं आंका जाए। इस अवसर पर श्रीमती मुर्मू ने ग्वालियर को सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बताते हुए कहा कि ये शहर प्रदेश के सबसे सुंदर शहरों में से एक है, जो अपने महल, मंदिरों और किले के चलते बहुत प्रसिद्ध है। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि मराठों द्वारा किए गए संघर्ष में सिंधिया वंश का उल्लेखनीय योगदान है। उन्होंने कहा कि 20वीं सदी में आधुनिक उद्योगों को बढ़ावा देने में भी सिंधिया परिवार का सक्रिय योगदान रहा है। श्रीमती मुर्मू ने संस्थान में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पदक और उपाधि भी वितरित कीं। इसके पहले राज्यपाल श्री पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और मंत्री सिंधिया ने भी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु अपने एकदिवसीय प्रवास के तहत आज दोपहर यहां पहुंचीं थीं। उन्होंने इसके पहले यहां स्थित ‘जय विलास पैलेस’ के संग्रहालय का अवलोकन किया और वहीं उनके सम्मान में आयोजित भोज में भी शामिल हुईं।

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