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श्रावण को खास बना रही इंदौर के होटलों की सेहत और स्वाद की ‘व्रत थाली’

'Vrat Thali' of health and taste of Indore hotels is making Shravan special

 

इंदौर। व्रत, स्वास्थ्य और स्वाद इसका अगर तालमेल देखना हो तो इंदौर से बेहतर कहीं नहीं मिल सकता। यहां जायके की दुनिया को व्रत के नियमों में सजाकर खानपान के शौकीनों तक पहुंचाया जाता है। श्रावण मास में अब शहर के होटल भी व्रत के अनुरूप भोजन दे रहे हैं। घर में बनने वाले फलाहारी व्यंजन अब शहर की पांच सितारा होटल तक पहुंच गए हैं और उन पर नवाचार का रंग भी चढ़ गया है।

होटल के शेफ इन व्यंजनों में अपनी रचनात्मकता का तड़का लगा रहे हैं, साथ ही फलाहारी व्यंजनों को एक थाली के रूप में परोस रहे हैं, जिसे नाम दिया गया है व्रत की थाली। इसमें शेफ केवल स्वाद पर ही ध्यान नहीं दे रहे, बल्कि सेहत को भी तवज्जो दे रहे हैं। चटपटे व्यंजनों में तेल-मसालों को कम किया जा रहा है तो मिठाई में प्राकृतिक मिठास को शामिल कर उसे स्वादिष्ट बनाया जा रहा है। भोजन में फलों के साथ कुट्टू, समा के चावल, सूखे मेवों को शामिल किया जा रहा है। रिफाइंड आइल के स्थान पर देसी घी का उपयोग हो रहा है।

कैलोरी और शुगर लेवल का भी रख रहे ध्यान
व्रत की थाली में केवल पूड़ी-सब्जी को ही शामिल नहीं किया गया, बल्कि वेलकम ड्रिंक से लेकर डेजर्ट तक को व्रत के अनुरूप तैयार किया गया। इसमें कैलोरी और शुगर लेवल पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा इस पर भी गौर किया जा रहा है कि व्रत में स्वाद के चक्कर में सेहत पर दुष्प्रभाव न पड़े। वेलकम ड्रिंक में फलों का रस, शेक, छाछ परोसी जा रही है तो थाली में सलाद और फल भी परोसे जा रहे हैं।

इस तरह किया जा रहा भोजन को संतुलित
होटल शेरेटन ग्रैंड पैलेस के शेफ करम डोगरा बताते हैं वर्षा ऋतु में सेहत का बहुत ध्यान रखना पड़ता है और व्रत भी इसलिए ही किया जाता है। इसलिए भोजन को बहुत गरिष्ठ नहीं बनाया जा रहा। सब्जी को लालमिर्च या गर्म मसालों से चटपटा बनाने के बजाय हरी मिर्च का उपयोग किया जा रहा है। पकौड़े कच्चे केले के बनाए जा रहे हैं, ताकि सेहत पर ज्यादा बुरा प्रभाव न पड़े। इसमें कुट्टू के आटे का उपयोग कर रहे हैं। कुट्टू के आटे की ही पूड़ी बनाई जा रही है। पूड़ी और पकौड़े तलने में तापमान का विशेष ध्यान रखा जा रहा है, क्योंकि तापमान सही हो तो घी-तेल भी कम लगता है। मिठाई में शुगर फ्री नहीं डाली जा रही, क्योंकि वह व्रत में उपयोग नहीं की जाती, इसलिए प्राकृतिक ढंग से उसमें मिठास शामिल हो इस पर ध्यान रहता है। यदि किसी को जरूरत होती है तो अतिरिक्त शकर मिलाई जाती है।

यह भी हो रहे प्रयोग
बनाना शेक में सब्जा सीड्स ताकि पाचनतंत्र भी बेहतर रहे और पानी की कमी भी न हो।
सब्जी में ज्यादा मसाला शामिल नहीं करने के कारण जीरा आलू, दही-आलू, लौकी-टमाटर, केले की सब्जी बनाई जा रही है। पूड़ी को उचित तापमान पर तला जा रहा है जिससे तेल-घी कम लगे और वह अच्छे से फूल जाए।

कोफ्ते बनाने के लिए किसी तरह के आटे के बजाय मिल्क पाउडर का उपयोग हो रहा।
मिठाई में शकर कम कर फल और सूखे मेवे से मिठाई बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है।
शकरकंद और पनीर के व्यंजन बनाए जा रहे हैं।

फल के उपयोग पर विशेष ध्यान
होटल द पार्क के शेफ पिंटू पासवान बताते हैं व्रत की थाली में फलों को विशेष रूप से शामिल किया है। फ्रेश क्रश फ्रूट डिश में कई तरह के फल शामिल किए हैं तो भोजन में सब्जी के रूप में कच्चे केले के कोफ्ते, दही-लौकी कोफ्ता, समा के चावल प्रमुख रूप से शामिल किए हैं। कोफ्ते तैयार करने के लिए अाटे के स्थान पर मिल्क पाउडर का उपयोग कर रहे हैं अौर जिन्हें पूड़ी नहीं चाहिए उनके लिए फलाहारी अाटे से बनी रोटी दी जा रही है ताकि स्वाद अौर सेहत दोनों बरकरार रहे। मिठाई के लिए समा की खीर, मखाने की खीर, फ्रेश फ्रूट खीर, साबूदाना खीर तैयार की जा रही है। व्रत की थाली में इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि उसमें पौष्टिकता में कमी न रह जाए इसलिए फल को तरह-तरह से शामिल किया गया है।

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