चुनावी साल की शुरुआत से अब तक जब चुनाव में तीन माह शेष है, कांग्रेस के चतुर कार्यकर्ता अपनी अपनी अलग बिसात बिछा कर चुनावी टिकट अपने खाने में लाने की पुरजोर कोशिश में जुट गए है, खुलकर टिकट दावेदारी कर रहे अब तक छुपा खेल खेलने वालों की कानाफूसी और जालसाजी के चलते चुनावी तैयारी को एक अभियान नहीं बना सके है।
जहां एक तरफ भाजपा कार्यकर्ता सामूहिक प्रयास के साथ बूथ से लेकर मतदाता के घर तक पकड़ बनाने में जुट गया है। वही कांग्रेस नेता अभी भी कार्यकर्तों पर “इसका उसका” ठपा लगाकर सीधे बंगलेंवासी नेताओं की चरण वंदना कर छुपा खेल खेलकर टिकट पर टकटकी लागये हुए है।
चुनावी तैयारी के हिसाब से कांग्रेस पिछड़ी हुई है बूथ के निष्ठावान कार्यकर्ता मतदाता सूची के लिए परेशान है, बूथ का कार्यकर्ता भी टिकट दावेदारी कर रहे नेताओं द्वारा ठोके गये “इसका उसका खास” के ठप्पे के कारण अब दूर दिखाई दे रहा है।
जनता की अनेक परेशानियों के बीच विपक्षीय नेतृत्व का अभाव साफ संकेत दे रहा है पूरी तरह बुद्धिबल से टिकट लड़ाई में उलझे नेताओं की संख्या अधिक और कार्यकर्ता गौण होने से हुजूर विधानसभा फिर कांग्रेस से दूर न रह जाये।