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शुभ योग में मनाया जाएगा सावन का चौथा सोमवार, जानिए रुद्राभिषेक का मुहूर्त और पूजा विधि

Fourth Monday of Sawan will be celebrated in auspicious yoga, know the auspicious time and worship method of Rudrabhishek

 

इस समय भगवान शिव को समर्पित सावन का पवित्र महीना चल रहा है। सावन में शिव जी की आराधना करने से हर मनोकामना पूरी होती है। मान्यता है कि सावन माह में शिव जी धरती पर विचरण करते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं सुनते हैं। इस बार सावन माह में अधिक मास भी पड़ रहा है, जिसके कारण सावन 59 दिनों तक रहेगा। साथ ही 8 सोमवार भी पड़ रहे हैं। सावन का चौथा सोमवार कल है, इस दिन रवि योग बन रहा है। सावन के चौथे सोमवार पर रुद्राभिषेक के लिए शिववास भी है, लेकिन ये सुबह जल्द ही खत्म हो जाएगा। आइए, जानते हैं सावन के चौथे सोमवार पर पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।

सावन के चौथे सोमवार पर रवि योग

इस बार सावन के चौथे सोमवार पर रवि योग बन रहा है। इस दिन रवि योग सुबह 05 बजकर 42 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा विष्कम्भ योग सुबह से लेकर रात 11 बजकर 05 मिनट तक रहेगा। जिसके बाद प्रीति योग शुरू हो जाएगा। रवि और प्रीति योग को बेहद शुभ माना जाता है।

रुद्राभिषेक का शुभ समय

31 जुलाई को शिववास प्रातः काल से लेकर सुबह 07 बजकर 26 मिनट तक है। ऐसे में सावन के चौथे सोमवार पर रुद्राभिषेक करने के लिए शुभ समय सुबह 07 बजकर 26 मिनट तक ही रहेगा। इस दिन शिववास नंदी पर है।

रुद्राभिषेक पूजा विधि

सावन के चौथे सोमवार पर सुबह स्नान के बाद व्रत और शिवजी की पूजा का संकल्प लें।
इसके बाद शुभ मुहूर्त में किसी शिव मंदिर में जाकर या घर ही शिवलिंग की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करें।
गंगाजल या दूध से शिवजी का अभिषेक करें।
भगवान शिव को चंदन, अक्षत, सफेद फूल, बेलपत्र, भांग की पत्तियां, शमी के पत्ते, धतूरा, भस्म और फूलों की माला अर्पित करें।

इसके बाद शिव जी को शहद, फल, मिठाई, शक्कर, धूप-दीप अर्पित करें।
इसके बाद शिव चालीसा और सोमवार व्रत कथा का पाठ करें।
आखिर में शिवलिंग के पास दीपक जलाएं और शिव जी की आरती करें।

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