Home News Update दिल्ली सेवा बिल लोकसभा में पेश, बुधवार को होगी चर्चा, सदन कल...

दिल्ली सेवा बिल लोकसभा में पेश, बुधवार को होगी चर्चा, सदन कल तक के लिए स्थगित

Delhi Service Bill introduced in Lok Sabha, discussion to be held on Wednesday, House adjourned till tomorrow

 

दिल्ली। संसद मानसून सत्र के दौरान मंगलावर को दिल्ली सेवा बिल लोकसभा में पेश कर दिया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से नित्यानंद राय ने बिल पेश किया। विपक्ष ने इसे संविधान का उल्लंघन बताया है। कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ बताते हुए कहा कि सेवाएं राज्य का अधिकार हैं। बुधवार को इस पर बहस होगी।

दिल्ली अध्यादेश बिल को विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. की पहली अग्नि परीक्षा बताया जा रहा है। दिल्ली से जुड़ा होने के कारण यह आम आदमी पार्टी के लिए सबसे जरूरी है। अरविंद केजरीवाल ने पिछले दिनों हर राज्य में जाकर इस मामले में केंद्र सरकार के खिलाफ समर्थन मांगा था।

संसद में हंगामा

मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू हुई होते ही विपक्ष ने एक बार फिर हंगामा शुरू कर दिया। इसके चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बाद में लोकसभा को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

दिल्ली अध्यादेश बिल पर पार्टी लाइन से अलग संदीप दीक्षित का बयान

दिल्ली अध्यादेश बिल पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, ”लोकसभा में बीजेपी के पास बहुमत है। ये बिल सदन में पास होना चाहिए। ये बिल दिल्ली की स्थिति के मुताबिक है। अगर आप दिल्ली को शक्तियां देना चाहते हैं, तो ये पूर्ण राज्य बनाया जाना चाहिए। मेरी राय में इस बिल का विरोध करना गलत है।”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता डॉ. हर्ष वर्धन, कहा- “मैं कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित के बयान की सराहना करता हूं।

शिवसेना (यूबीटी) करेगी बिल का विरोध

इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) ने दिल्ली सेवा बिल का विरोध करने का फैसला किया है। पार्टी की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “हम सभी इसका विरोध करेंगे, क्योंकि आज यह दिल्ली में हो रहा है, कल यह हो सकता है आंध्र प्रदेश, तेलंगाना या ओडिशा में होगा। यह असंवैधानिक, अनैतिक, अलोकतांत्रिक अध्यादेश है, इसका सभी को विरोध करना चाहिए।”

मणिपुर मामले में लगातार हो रहा हंगामा
संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हुआ था, लेकिन अब तक कोई उल्लेखनीय काम नहीं हुआ है। पूरा समय विपक्ष की भेंट चढ़ा है। विपक्ष ने पहले मणिपुर पर चर्चा की मांग की। सरकार तैयार हुई तो किस नियम के तहत चर्चा हो, इस पर पेंच फंसा दिया। विपक्ष अड़ा है कि प्रधानमंत्री चर्चा के दौरान उपस्थित रहें और जवाब दें।

Exit mobile version