सरसों में मैग्नीशियम भरपूर होता है, जो नर्वस सिस्टम को आराम देने में सहायक होता है। सरसों में फाइबर भरपूर होता है,
पोषक तत्वों से भरपूर सरसों का सेवन दुनिया के अधिकांश देशों में किया जाता है। देश के अधिकांश हिस्सों में रोजमर्रा की जिंदगी में भी सरसों का तेल ही उपयोग में लाया जाता है। देश में सरसों की इसी लोकप्रियता के कारण हर साल अगस्त माह के पहले शनिवार को राष्ट्रीय सरसों दिवस मनाया जाता है। सरसों के बीज स्वास्थ्य के लिए काफी गुणकारी होते हैं। आयुर्वेद में भी सरसों का औषधि के रूप में उपयोग को लेकर बहुत जिक्र मिलता है। इंदौर स्थित अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज के डॉ. अखिलेश भार्गव यहां सरसों के सेवन से होने वाले फायदों के बारे में बता रहे हैं।
कैंसर से बचाव
सरसों के बीज में ग्लूकोसिनोलेट्स और मायरोसिनेस जैसे कंपाउंड होते हैं, जो शरीर में कैंसर पैदा करने वाले सेल्स को बढ़ने से रोकते हैं। सरसों के बीजों में कीमो प्रिवेंटिव क्षमता भी होती है और कार्सिनोजेन्स के प्रभाव से भी सुरक्षित रखते हैं।
नर्वस सिस्टम को फायदा
यदि कोई व्यक्ति सिरदर्द और माइग्रेन से परेशान हैं तो सरसों के बीज कारगर साबित हो सकते हैं। सरसों में मैग्नीशियम भरपूर होता है, जो नर्वस सिस्टम को आराम देने में सहायक होता है।
ठीक रहता है पाचन तंत्र
सरसों के बीज पाचन के लिए भी अच्छे होते हैं। यदि कोई अपच की समस्या से परेशान हैं तो सरसों के बीज राहत देते हैं। सरसों में फाइबर भरपूर होता है, जो पेट की आंखों को स्वस्थ बनाने में मदद करता है।
दूर होता है हार्ट अटैक का खतरा
सरसों का तेल यदि रोज भोजन बनाने में इस्तेमाल करते हैं तो कोलेस्ट्रॉल स्तर नियंत्रित रहता है। सरसों का तेल खून से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है। इसके अलावा 40 साल की उम्र के बाद सरसों का तेल हड्डियों को भी मजबूत करने में मदद करता है। सरसों के बीज में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो व्यक्ति में उम्र बढ़ने के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।