प्रीबायोटिक फूड्स खाद्य पदार्थों की एक ऐसी श्रेणी है, जिनमें भरपूर फाइबर होने के साथ-साथ आंतों को फायदा पहुंचाने वाले बैक्टीरिया होते हैं। Prebiotic Foods के सेवन से पेट की आंतें स्वस्थ्य रहती है और कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है। प्रीबायोटिक फूड्स गुड बैक्टीरिया को अच्छी तरह काम करने में मदद करता हैं। लहसुन, प्याज, सेब, केले, जामुन, कोको, अलसी, हरी सब्जियां के साथ मटर व बीन्स में भी प्रीबायोटिक पाया जाता है।
रोज खाएं 5 ग्राम प्रीबायोटिक
डाइटिशियन मीना कोरी के मुताबिक, रोज 5 ग्राम प्रीबायोटिक्स का सेवन करना चाहिए। हालांकि, हर व्यक्ति से हेल्थ कंडीशन अलग-अलग होती है और उसी के आधार पर प्रीबायोटिक का भी सेवन करना चाहिए। प्रीबायोटिक फूड्स इम्यूनिटी सिस्टम को भी मजबूत बनता है। ये फूड्स शरीर में कैल्शियम की मात्रा को बनाए रखने में मदद करते हैं।
प्रीबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स में अंतर
प्रोबायोटिक्स गुड बैक्टीरिया होते हैं, हमारे पेट की आंतों में पाए जाते हैं। वहीं दूसरी ओर प्रीबायोटिक्स एक प्लांट फाइबर हैं, जो कि गुड बैक्टीरिया को अच्छी तरह काम करने के लिए उत्तेजित करता है।
प्रीबायोटिक फूड के लिए खाएं ये चीजें
लहसुन में प्रीबायोटिक होने के साथ रोगाणुरोधी गुण भी होते हैं। इसके अलावा प्याज भी प्रीबायोटिक फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, जिसमें इनुलिन और फ्रुक्टुलिगोसेकेराइड्स शामिल हैं। वहीं पके हुए केलों में पाया जाने वाला स्टार्च भी प्रीबायोटिक फाइबर के रूप में काम करता है।
इन बीमारियों से बचाव
प्रीबायोटिक फूड्स पेट से संबंधित विकारों को दूर करने में मदद करते हैं। शरीर में कई बीमारियों की शुरुआत पेट संबंधी समस्या के कारण ही होता है। प्रीबायोटिक फूड्स के सेवन से कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, लीवर आदि से संबंधित परेशानी नहीं होती है।