16 अगस्त का दिन हिंदू धर्म के अलावा अन्य संप्रदाय के लिए खास रहेगा। इस दिन अधिकमास का समापन होगा। वहीं, स्नान-दान अमावस्या रहेगी। साथ ही मलयाली समाज के कर्कीडम का अंतिम दिन होगा। इसके अलावा पारसी नववर्ष की शुरुआत होगी। विशेष बात यह है कि बुधवार होने से इस दिन श्रीगणेश पूजा भी होगी। श्रावण के चलते भगवान शिव की आराधना पहले से ही चल रही है।
पूजा-अर्चना के लिए दिन फलदायी
ज्योतिषियों का कहना है कि 16 अगस्त को बुधवार पड़ रहा है। इस दिन अश्लेषा नक्षत्र रहेगा। इसके स्वामी बुध है। बुधवार के अधिपति भगवान गणेश हैं। अमावस्या के अधिपति शनि देव हैं। शनि बुध के मित्र हैं। इन सभी संयोग के चलते यह दिन पूजा-अनुष्ठान के लिए फलदायी रहेगा।
शिवजी को कनेर का फूल चढ़ाएं
16 अगस्त को स्नान-दान की अमावस्या होने से इस दिन भगवान शिव, गणेश जी के अलावा पितरों की पूजा, तर्पण और दान करना विशेष फलदायी रहेगा। इस दिन महादेव को बेल पत्र व कनेर के फूल, भगवान गणपति को दूर्वा और भगवान विष्णु को गेंदा फूल अर्पित करना उत्तम रहेगा। अमावस्या तिथि दोपहर 03.10 बजे तक रहेगी।