मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि “मध्यप्रदेश देश का ऐसा राज्य है जहाँ बेरोजगारी की दर सबसे कम है। हमारे प्रयास है कि धीरे-धीरे प्रदेश को बेरोजगारी मुक्त बनाया जाए। किसी भी युवा को मध्यप्रदेश की धरती पर निराश होने की आवश्यकता नहीं हैं, यहाँ शिक्षा भी मिलेगी और रोजगार भी। शासन का संकल्प है कि हर माह विभिन्न कार्यक्रमों से लगभग ढाई लाख लोगों को आजीविका से जोड़ा जाए।” मुख्यमंत्री चौहान आज इंदौर के अमरदास हॉल में राज्य स्तरीय रोजगार दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने स्व-रोजगार योजनाओं में हितग्राहियों को ऋण स्वीकृत एवं वितरित किये। साथ ही 75 हजार से अधिक हितग्राहियों को स्व-रोजगार के लिये 466 करोड़ रूपये की सहायता उपलब्ध कराई गई। मुख्यमंत्री चौहान ने हितग्राहियों को लाभ के प्रमाण-पत्र का वितरण भी किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने इंदौर में 2 करोड़ 84 लाख की लागत के मध्य भारत के पहले टॉय क्लस्टर का वर्चुअल शिलान्यास और उद्यमिता विकास प्रशिक्षण के लिये ई-लर्निंग मॉड्यूल का शुभारंभ भी किया।
23 लाख हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं में दिया लाभ
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को विश्व पटल पर स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी दिशा में मध्यप्रदेश सरकार भी अपने युवाओं को स्व-रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने का प्रयास कर रही है। प्रदेश में पहला रोजगार दिवस 12 जनवरी 2022 को 5 लाख से अधिक प्रदेशवासियों को अलग-अलग योजनाओं में रोजगार प्रदान किया गया। इसी क्रम में 31 मार्च तक लगभग 13 लाख हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ देकर 7 हजार करोड़ रूपये के ऋण स्वीकृत किये गये। एक अप्रैल से 22 अगस्त 2022 तक लगभग 9 लाख 52 हजार लोगों को 6 हजार करोड़ रूपये के ऋण स्वीकृत किए गए हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पथ विक्रेताओं से लेकर स्टार्टअप इंडस्ट्री तक हम प्रदेश के हर उस व्यक्ति के साथ खड़े हैं, जो अपना व्यवसाय शुरू करना चाहता है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में रोजगार दिवस न केवल एक मील का पत्थर है बल्कि महायज्ञ है।
टॉय क्लस्टर से मिलेगा 2 हजार से अधिक लोगों को रोजगार
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में 42 क्लस्टर स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से आज 2 करोड़ 84 लाख रूपये की लागत से बने टॉय क्लस्टर का शुभारंभ इंदौर में किया गया। मध्य भारत के इस पहले टॉय क्लस्टर में 20 लघु इकाइयाँ स्थापित होंगी तथा 2 हजार से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। क्लस्टर के प्रथम चरण में 80 करोड़ रूपये का निवेश संभावित है। इसी तरह विभिन्न क्लस्टरों से प्रदेश में न केवल निवेश बढ़ेगा बल्कि कई गुना अधिक तेजी से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।