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सॉफ्ट लैंडिंग के 2.5 सेकंड बाद मिली खुशखबरी, समझें क्या होता है मून बाउंस

Good news received after 2.5 seconds of soft landing

 

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भारत का चंद्रयान-3 शाम 6.04 बजे चांद की सतह पर सफलतापूर्वक पहुंच गया। चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग का सीधा प्रसारण भी इसरो की ओर से किया गया। पूरे देश के साथ-साथ दुनियाभर की निगाहें चंद्रयान-3 पर टिकी हुई थी और खुशखबरी का इंतजार कर रही थी। ऐसे में सभी के मन में यह सवाल जरूर था कि चंद्रयान मिशन के सफल होने की सूचना उन्हें कितनी देर में मिल जाएगी। चांद से धरती पर सिग्नल आने में कितना समय लगता है?

जानें क्या होता है मून बाउंस

पृथ्वी से चंद्रमा और फिर चंद्रमा से वापस पृथ्वी तक किसी रेडियो सिग्नल के पहुंचने की प्रोसेस को मून बाउंस कहा जाता है। पृथ्वी-चंद्रमा-पृथ्वी (EME) संचार के लिए रेडियो संचार तकनीक का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर पृथ्वी से चंद्रमा तक किसी सिग्नल को पहुंचने और फिर वापस आने में 2.4 से 2.7 सेकंड का समय लगता है। कुछ विशेष परिस्थितियों में यह समय कुछ ज्यादा भी हो सकता है। धरती और चंद्रमा के बीच का मून बाउंस टाइम कम से कम 2.4 सेकंड का है। इस ट्रांसमिशन के लिए शक्तिशाली रेडियो ट्रांसमीटर और संवेदनशील रिसीवर की आवश्यकता होती है।

2.4 सेकंड बाद ही मिल गई खुशखबरी

चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम जब चांद की सतह पर उतरा तो उसके करीब 2.4 से 2.7 सेकंड बाद इसरो को सूचना मिली। लैंडर विक्रम के चंद्रमा पर लैंड करने के दौरान वहां काफी धूल उड़ी है, ऐसे में रोवर प्रज्ञान को बाहर आने के लिए थोड़े समय का इंतजार करना होगा। करीब दो घंटे बाद जब धूल पूरी तरह से सतह पर जमा हो जाएगी, उसके बाद रोवर प्रज्ञान, लैंडर विक्रम के पेट से बाहर निकलेगा और चांद की सतह पर अपनी यात्रा करना शुरू करेगा।

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