आज के समय में जिस प्रकार से लोगों का जीवन भाग दौड़ में व्यस्त हैं इसके चलते शरीर में तमाम समस्या और बीमारी का होना बहुत सामान्य सी बात है जिसमें खासतौर पर माइग्रेन बहुत सामान्य सी न्यूरोलॉजिकल समस्या है जिसमें अचानक से सिर के एक हिस्से में तेज दर्द होने लगता है। इस दर्द के अनुभव के साथ धड़कनों में तेजी, मतली, उल्टी और ध्वनि-प्रकाश के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता का भी अनुभव हो सकता है। माइग्रेन का सिरदर्द, सामान्य सिरदर्द की तुलना में अधिक तीव्रता वाला होता है, इसपर गंभीरता से ध्यान देने की भी आवश्यकता होती है क्योंकि कुछ स्थितियों में ये साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर के कारण होने वाली समस्या भी हो सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के की मानें तो, दुनियाभर में, स्ट्रोक मृत्यु का दूसरा सबसे आम कारण है। भारत में सालाना 1.85 लाख से अधिक लोग स्ट्रोक के शिकार होते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि माइग्रेन से पीड़ित लोगों में स्ट्रोक होने का खतरा अधिक हो सकता है। माइग्रेन और इस्केमिक स्ट्रोक के बीच संबंधों को लेकर कई अध्ययनों में भी स्पष्ट किया गया है, क्योंकि ये दोनों रक्त वाहिकाओं की आपूर्ति से संबंधित समस्याएं हैं।
माइग्रेन को ट्रिगर होने से बचें
यह दर्द गंभीर और दीर्घकालिक तौर पर मस्तिष्क क्षति के खतरे बढ़ाने वाला हो सकता है। कुछ स्थितियों में इसके कारण कार्डियोवस्कुलर समस्याओं का भी जोखिम रहता है। इससे बचने के लिए कुछ उपायों को अपना कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि स्वस्थ आहार का सेवन करने और किसी समय भोजन न छोड़ना इसमें फायदा मिलता है ।कैफीन की अधिकता कुछ लोगों में माइग्रेन का खतरा बढ़ा सकती है, ऐसे में इससे बचाव के लिए जरूरी है कि आप चाय-कॉफी जैसी चीजों का सेवन कम से कम करें।