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चिकित्सालय के स्टोर कीपर के घर लोकायुक्त छापे में मिली 22 लाख की नगदी और 45 लाख के सोने

स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्ट स्टोर कीपर के घर लोकायुक्त छापे में मिली 22 लाख की नगदी और 45 लाख के सोने को टीम ने जप्त ना करते हुए परिजनों को सौंप दिया। लोकायुक्त टीम की इस रहमदिली को लेकर लोकायुक्त पुलिस में आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। गौरतलब है कि छापे के बाद आरोपी अश्फाक अली और उसके परिजनों के नाम पर दस करोड़ की चल अचल संपत्ति उजागर होने का दावा लोकायुक्त पुलिस द्वारा किया गया है।

मामला इस प्रकार है जिला चिकित्सालय राजगढ़ में पदस्थ रहे पूर्व स्टोर कीपर के भोपाल स्थित ठिकानों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत छापा डाला गया था। छापे के दौरान बेहिसाब नकदी को गिनने नोट कांउटिंग मशीन बुलवाई गयी थी। इस दौरान 22 लाख नगद और 45 लाख के स्वर्ण आभूषण मिले थे। लोकायुक्त टीम ने इन्हें जप्त करने की बजाय भ्रष्ट स्टोर कीपर के परिजनों के हवाले कर दिया।

लोकायुक्त मैन्युअल के अनुसार नियमित: छापे के दौरान प्राप्त नगदी में से आवश्यक खर्चो के लिए कुछ राशि और कुछ स्वर्ण आभूषण छोड़े जाने का प्रावधान है। बाकी रकम और आभूषण जप्त कर लिए जाते हैं।

इस मामले को लेकर टीम में शामिल डी एस पी संजय शुक्ला से चर्चा की तो उन्होंने अपने आपको जांच अधिकारी न होने का हवाला देते हुए बात करने से इंकार कर दिया।

इस प्रकरण के जांच अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि अभी इंवेस्टिगेशन चल रहा है। इसलिए कुछ भी नहीं बता सकता। जब उनसे नगदी और स्वर्ण आभूषण जप्त ना करने को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा की जो प्रक्रिया होती है उसी के अनुरूप कार्यवाही की गई है जब तक यह तय नहीं होता की प्राप्त संपत्ति अपराधी की है तब तक उसे जप्त नहीं किया जाता है। वैल्युएशन करा लिया जाता है और सुपुर्दगी दे दी जाती है। वैल्युएशन करा लिया गया है।

जब इस मामले को लेकर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक भोपाल मनु व्यास से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि इंवेंटरी में उल्लेख कर दिया गया है। यह उन्हें कोर्ट में एक्सप्लेन करना होगा। प्रति महिला 500 ग्राम आभूषण और दो लाख रुपए तक की नगदी घर में रखी जा सकती है।

यह है मामला

 

अशफाक अली पुत्र मुस्ताक अली निवासी लटेरी जो जिला चिकित्सालय राजगढ़ में पूर्व में स्टोर कीपर के रूप पर पदस्थ रहे है, उनके विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत प्राप्त होने पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया । अभी तक की जांच पर अशफाक अली उनके पुत्र जीशान अली , शारिक अली ,पुत्री हिना कौसर और पत्नी श्रीमती राशिदा बी के नाम पर 16 अचल संपत्तियों की क्रय संबंधी अभिलेख प्राप्त हो चुके हैं जिनकी कीमत लगभग सवा करोड़ रुपए हैं। अन्य 50 से भी ज्यादा अचल संपत्तियों के संबंध में लटेरी विदिशा और भोपाल में जानकारी एकत्र की जा रही है। आज दिनांक 8/8 /2023 को अशफाक अली के ग्रीन वैली कॉलोनी भोपाल स्थित मकान तथा लटेरी स्थित मकान पर 2 टीमों के द्वारा सर्च की कार्रवाई की जा रहे हैं । अभी तक की कार्रवाई पर लटेरी में चार भवन जिसमें एक 14000 स्क्वायर फीट पर निर्माणाधीन शॉपिंग कंपलेक्स तथा लगभग 1 एकड़ जमीन पर करीब 25 सौ वर्ग फीट का आलीशान मकान बनाए जाने की जानकारी मिली है। उनके द्वारा लटेरी में मुस्ताक मंजिल नाम से एक तीन मंजिला भवन भी बनवाया गया है जिसमें प्राइवेट स्कूल किराए पर संचालित किया जा रहा है। भोपाल स्थित मकान में सर्च के दौरान काफी मात्रा में नगदी प्राप्त हुई है जिसकी गिनती की जा रही है । सोने चांदी के जेवरात , कीमती घड़ियां और घरेलू उपयोग के कीमती सामान मिले हैं जिनकी सूची तैयार की जा रही है। अभी तक की जांच और सर्च कार्रवाई के दौरान आरोपी अशफाक अली और उनके परिजनों के नाम पर चल अचल संपत्ति लगभग 10 करोड उजागर होने की संभावना है।

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