नई दिल्ली। राष्ट्रपति भवन की ओर से जी-20 देशों के डिनर के लिए जारी पत्र में प्रेसिडेंट आफ भारत लिखा गया तो हलचल मच गई। इसके बाद जब आसियान समिट के लिए जारी सूचना पत्र में भी प्राइम मिनिस्टर आफ भारत दिखा तो कयास तेज हो गए कि शायद देश का नाम ही बदलने वाला है। इसके लिए संविधान में संशोधन तक के कयास लगने लगे। इस बीच खबर है कि सरकार ऐसा कुछ नहीं करने जा रही । संविधान में संशोधन करने या फिर संसद में कोई प्रस्ताव लाकर ऐसा करने की कोशिश नहीं होगी। इसकी बजाय नैरेटिव के लेवल पर यह प्रयास किया जाएगा कि देश को INDIA की बजाय भारत नाम से ही संबोधित किया जाए।
इसके लिए सरकार सभी अधिसूचनाओं, निमंत्रण पत्रों, सरकारी योजनाओं में ‘भारत’ का इस्तेमाल शुरू करेगी। अब तक चली आ रहीं स्किल इंडिया और स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाओं में कोई बदलाव भी नहीं होगा। लेकिन नई स्कीमों में भारत नाम ही शामिल रहेगा। पहले ही सरकार ‘कर्मयोगी भारत’, आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं की शुरुआत कर चुकी है।