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न बनी मिनी स्मार्ट सिटी, न पर्यटन नगर और न ही बन सका सौ बिस्तर का अस्पताल, फिर कैसे मिलेगा “जन आशीर्वाद”?

 

चंदेरी:- हर बार की तरह चुनाव के चुनावों के नजदीक आते ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने जन आशीर्वाद यात्रा प्रारंभ कर दी है । पहले जहां अकेले मुख्यमंत्री जन आशीर्वाद यात्रा लेकर पूरे प्रदेश में जाते थे लेकिन इस बार मुख्यमंत्री का चेहरा पीछे रखने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में पांच स्थानों से जन आशीर्वाद यात्राएं शुरू की है । इसमें ग्वालियर चंबल की जन आशीर्वाद यात्रा लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ कई अन्य मंत्री १५ तारीख को चंदेरी के साथ पूरे अशोकनगर जिले में आ रहे हैं । लेकिन पूर्व में मुख्यमंत्री द्वारा अन्य कार्यक्रम में आने के बाद भरे मंच से जो घोषणाएं की थी , वह आज दिनांक तक पूरी नहीं हो सकीं है। जिसको लेकर जनता में आक्रोश भी है वहीं भाजपा का कार्यकर्ता भी निराशा में डूबा हुआ है। मुख्यमंत्री ने पूर्व में चंदेरी को मिनी स्मार्ट सिटी बनाने की बात कही थी साथ ही चंदेरी में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखकर पर्यटन सर्किट में जोड़कर पर्यटन बढ़ाने की बात भी यहां हुई थी जिस पर आज तक कोई काम नहीं हो पाए हैं।
ऐसे ही कुछ वादे अप्रत्यक्ष रुप से उपमुख्यमंत्री की भूमिका निभाने वाले सरकार निर्माता सिंधिया जी जनता से कर चुके हैं जो पूरे न हो सके ।
उसके बाद चंदेरी में लगातार फिल्मों की शूटिंग होने के कारण जन सुविधाओं को लेकर जिला योजना समिति द्वारा जनवरी 2013 में एक प्रस्ताव पास प्रशासन को भेजा गया था उस पर अमल नहीं हो पाया है और तो और से मुख्यमंत्री द्वारा चंदेरी में एक नहीं दो-दो बार 100 बिस्तर के अस्पताल की घोषणा भरे मंच से की गई। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री की घोषणा को दरकिनार कर चंदेरी के लिए 50 बिस्तर का अस्पताल मंजूर किया किंतु अस्पताल के लिए आज तक न तो भूमि का चयन हो सका है और ना ही जगह आवंटित हो सकी है। जबकि मुंगावली एवं अशोकनगर में जो अस्पताल की घोषणाएं हुई थी वह मूर्तरूप ले चुकी है लेकिन चंदेरी में आज भी अस्पताल अपने उन्नयन की बाठ जोह रहा है। जिससे आम आदमी परेशान होकर या तो इसी अस्पताल में सुविधाओं के अभाव में इलाज करने को मजबूर है या फिर परेशान होकर मरीज के लिए चंदेरी के बाहर ललितपुर, झांसी, ग्वालियर, भोपाल जाकर प्राइवेट अस्पतालों में महंगे खर्चे पर इलाज करना पड़ रहा है । जब इतनी अवस्थाएं हो और शासन से कुछ ना मिला हो तो ऐसे में जनता क्यों “आशीर्वाद” दे। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से जब इस संबंध में बात की गई तो वह बगले झांकते नजर आए और कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं दिखे कुछ लोगों ने कहा कि आप इस संबंध में वरिष्ठों से बात कीजिए या फिर मुख्यमंत्री जी आ रहे हैं उनसे पूछिए वही जब कुछ सिंधिया समर्थक भाजपाइयों से बात हुई तो वह सिंधिया जी के विकास कार्यों को गिनाने लगे । वह कार्य सिंधिया जी ने कांग्रेस में रहते हुए कांग्रेस की केंद्र में यूपीए सरकार के समय मंजूर कराए थे, भाजपा सरकार में आने के बाद अब तक उन्होंने क्या कार्य मंजूर कराये यह कोई नहीं बता पाया । इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने चंदेरी विधानसभा में अपने विधानसभा उम्मीदवार का नाम भी घोषित कर दिया किंतु आम जनता में चर्चा का विषय है कि भारतीय जनता पार्टी ने चंदेरी विधानसभा उम्मीदवार से जगन्नाथ सिंह रघुवंशी को बनाया उनके द्वारा पिछले दो दशक में किस प्रकार विरोधी पार्टी के साथ मिलकर कार्य किया । गौरतलब है कि एक समाज को साधने के लिए उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित किया। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि जगन्नाथ रघुवंशी द्वारा पिछले कुछ चुनाव में विरोधी दलों से मिलकर किस प्रकार कार्य किया एवं पार्टी की परवाह न करते हुए अपने हितों को ध्यान में रखकर कार्य किया और लाभ के पद पर पहुंचे।क्या खेमों में बंटी भाजपा को समेट पाएंगे? पूर्व में जो विरोधी दल के नेता आपस में मिलकर सांठ गांठ करके लाभ के पदों पर पहुंचे आज वही आमने-सामने है क्या यह पार्टी के साथ न्याय कर पाएंगे या फिर अपनी बरसों पुरानी दोस्ती को निभाएंगे?

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