इस समय गणेश उत्सव चल रहा है। यह उत्सव 10 दिनों तक मनाया जाता है और अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है। कल यानी गुरुवार को अनंत चतुर्दशी मनाई जाने वाली है। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की भी पूजा की जाती है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है। इस दिन बप्पा की विधि-विधान से पूजा करने के बाद उनका विसर्जन किया जाता है और अगले साल आने की प्रार्थना की जाती है। कहा जाता है कि बप्पा अपने साथ घर की सारी समस्याओं को लेकर जाते हैं, इसलिए इस दिन कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।
अनंत चतुर्दशी तिथि और शुभ मुहूर्त
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 28 सितंबर 2023 को प्रातः 06:12 से शुरू हो रही है, जो कि अगले दिन 28 सितंबर 2023 को शाम 06:51 पर समाप्त हो जाएगी।
शुभ चौघड़िया – 06:12 से 07:42 तक
चर चौघड़िया – 10:42 से 12:11 तक
लाभ चौघड़िया – 12:11 से 01:30 तक
शुभ चौघड़िया – 04:41 से 06:11 तक
राहु काल – दोपहर 01:30 से 03:20 तक
अनंत चतुर्दशी नियम
-गणेश विसर्जन के दिन बप्पा की पूरे विधि-विधान से परिवार के साथ मिलकर पूजा करें। उन्हें लाल चंदन, लाल पुष्प, दूर्वा, बेसन के लड्डू, पान, सुपारी, धूप-दीप आदि चीजें अर्पित करें।
-इस दिन यदि संभव हो सके, तो हवन जरूर करना चाहिए। इसके बाद गणपति जी की भव्य आरती करें।
-बप्पा को घर से विदा करते समय उन्हें खाली हाथ नहीं भेजना चाहिए। बप्पा के हाथ में एक लड्डू की पोटली जरूर देनी चाहिए।
-यदि भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्ति स्थापित की गई है, तो घर में ही आप उन्हें एक टब में विसर्जित कर सकते हैं। जब मिट्टी घुल जाए, तो उस पानी को आप गमलों में डाल दें।
-बप्पा को घर से विदा करते समय उनसे अगले साल फिर लौटने की प्रार्थना करें। विसर्जन के समय साफ-सफाई का भी ध्यान रखें। पूरे श्रद्धा भाव के साथ ही उन्हें विदा करें और इस दिन काले कपड़े न पहनें।