Health Tips- वर्तमान में जिस तरह का मौसम है, उसमें संक्रमण फैलने की आशंका प्रबल हो जाती है। यह संक्रमण फंगस, धूल में व्याप्त जीवाणु, हवा में फैले परागकण, दूषित पानी और मच्छर के जरिए फैलता है। दूषित पानी की वजह से पीलिया, टाइफाइड व पेट से संबंधित अन्य रोग भी हो सकते हैं। एलर्जी से संबंधित समस्या भी बहुत बढ़ जाती है। टीकाकरण के जरिए कई रोगों से बचा जा सकता है और कुछ जाचों के माध्यम से रोग की जड़ तक पहुंचकर उसका उचित निराकरण किया जा सकता है।
एलर्जी हो तो ये जांच करवाएं
छाती व दमा रोग विशेषज्ञ डा. प्रमोद झंवर के अनुसार, एलर्जी के कारण की जांच के लिए एलर्जी टेस्ट, लंग फंग्शन टेस्ट, इंपल्स आसिलोमेट्री टेस्ट, फीनो टेस्ट, नाक का सिटी स्कैन और चेस्ट एक्सरे कराया जा सकता है। धूल के जीवाणु, परागकण और फंगस कण से होने वाली एलर्जी से बचाव के लिए अब टीके भी लगाए जा रहे हैं। यदि किसी को हर बार मौसम बदलने से संक्रमण होता है तो उन्हें उससे बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के साथ टीकाकरण को भी अपनाना चाहिए।
इन्हें अपनाकर बचें रोगों से
बच्चों के लिए इंफ्लूएंजा टीका और 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोग निमोकोकल टीका लगवा सकते हैं। इंफ्लूएंजा टीका वर्ष में एक बार लगाया जाता है, जबकि निमोकोकल टीका जीवन में एक या अधिकतम दो बार ही लगवा सकते हैं। पौष्टिक आहार, पर्याप्त पानी पीने, भरपूर नींद लेने, व्यायाम कर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकती है, जिससे कई रोगों से बचा जा सकता है।
सर्दी-खांसी की शुरुआत हो तो ये करें
यदि सर्दी-खांसी की शुरुआत हो तो गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करें, भाप लें और चिकनाईयुक्त भोजन करने से बचें। अस्थमा पीड़ित या जिन्हें किसी भी तरह की एलर्जी है वे किसी चिकित्सक द्वारा दी गई दवाई और इनहेलर का उपयोग चिकित्सकीय सलाह से करें।