Home Business News सोना 60 हजार के नीचे, पांच महीने में 3200 रुपये सस्ता

सोना 60 हजार के नीचे, पांच महीने में 3200 रुपये सस्ता

Gold below Rs 60 thousand

 

इंदौर। वर्ष के सबसे बड़े त्योहारों के ठीक पहले सुनहरी धातु में खरीदी का लाभदायक मौका बनता दिख रहा है। शुद्ध (24 कैरेट) सोने के दाम 60 हजार के नीचे फिसल गए हैं। जेवराती यानी 22 कैरेट (916) सोना तो 54000 रुपये प्रति दस ग्राम तक आ चुका है। मई में सोने के दाम शिखर पर पहुंचे थे। नवरात्र-दशहरा और दीपावली जैसे बड़े त्योहारों के ठीक पहले सोना खरीदने का अहम मौका माना जा रहा है।

इंदौर सराफा में सोमवार को सोने (24 कैरेट) के दाम 59 हजार 50 रुपये प्रति दस ग्राम रहे। इसी तरह जेवराती सोना (22 कैरेट) 54 हजार रुपये प्रति दस ग्राम बिका। देखा जाए तो साल की शुरुआत से तेजी दिखाने वाला सोना अपने उच्च स्तर से 3200 रुपये प्रति दस ग्राम सस्ता हो चुका है। 5 मई को ही सोना अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। इस दिन इंदौर में सोने के दाम इंदौर सराफा में 62 हजार 275 रुपये (24 कैरेट) और 57 हजार 960 रुपये (22 कैरेट) तक पहुंच गए थे। ऐसे में घटे दामों पर सोना खरीदने का यह सुनहरा मौका माना जा रहा है।

ज्यादा गिरावट की उम्मीद नहीं

इंदौर चांदी-सोना जवाहरात व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय लाहोटी के अनुसार दामों के मौजूदा स्तर के बाद अब बहुत ज्यादा गिरावट की उम्मीद नहीं मानी जा रही। आसार है कि जल्द ही सोने में फिर तेजी आएगी। कारोबारी और एसोसिएशन के मंत्री अविनाश शास्त्री के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार के असर से अभी सोने के दाम नर्म पड़े हैं। त्योहार आते ही भारत के बाजारों में बढ़ी मांग भी फिर से दामों में उछाल को प्रोत्साहित करेगी। दशहरा-दीपावली के बाद वैवाहिक सीजन शुरू होगा ऐसे में ज्वेलरी की मांग बनी रहेगी और दाम फिर तेजी की ओर जाएंगे।

आगे गिरावट नहीं

चार्टर्ड अकाउंटेंट और सेबी पेनालिस्ट सुमितसिंह मोंगिया के अनुसार सोने की कीमत देश में भी अंतरराष्ट्रीय बाजार ही तय करता है। अमेरिका में अर्थव्यवस्था बेहतर हो रही है। वहां के केंद्रीय बैंक ने कर्ज पर ब्याज दर नहीं बढ़ाने के संकेत दिए हैं। ऐसे में महंगाई स्थिर होने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने के दाम घटे हैं। जो सोना 62 हजार रुपये के पार बिका था, वह यदि अब 60 हजार से नीचे है तो निश्चित ही फिर से अपने पूर्व के स्तर पर पहुंचेगा। यदि भारत के रुपये में आगे गिरावट आती है तो भी सोने का आयात महंगा होने से दाम यहां बढ़ेंगे। दीर्घ अवधि के निवेश में सोना हमेशा से अच्छा रिटर्न देने वाला माना जाता है। पितृपक्ष ने मौका दिया है कि सोना खरीद लिया जाए तो आगे दाम बढ़ने और अच्छा रिटर्न मिलना तय है।

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