मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से उनके निवास पर भेंट कर राज्य के वित्तीय परिदृश्य से अवगत कराया।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि कोविड वैश्विक महामारी के कारण राज्य की आर्थिक वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, जिससे वांछित राजस्व प्राप्तियों में कमी आई है, जो विभिन्न विकास परियोजनाओं को प्रभावित कर रही है। उन्होंने बताया की वर्ष 2024-25 तक भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थ-व्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मध्यप्रदेश अपने हिस्से का योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए पूँजीगत व्यय में पर्याप्त वृद्धि की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में पूँजीगत व्यय के लिए राज्य का बजट आवंटन 48 हजार 800 करोड़ रूपये रखा गया है, जो राज्य की जीएसडीपी का लगभग 4 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया की बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए भी मध्यप्रदेश प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया की पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) में विकसित किए जाने वाले बुनियादी ढाँचे की लागत का 40 प्रतिशत योगदान भी राज्य सरकार वहन कर रही है। उन्होंने बताया की केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के निर्देशानुसार राज्य डिस्कॉम द्वारा बकाया राशि 213 करोड़ रूपये का 40 मासिक किश्तों में भुगतान किया जा रहा है। राज्य डिस्कॉम ने वित्तीय स्थिरता में सुधार करते हुए अपने एटीएंडसी लॉस को वित्त वर्ष 2021 में 41.55 प्रतिशत से घटा कर वित्त वर्ष 2021-22 में 20.32 प्रतिशत कर दिया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि राज्य की वर्तमान अधिकांश राजस्व प्राप्तियाँ पहले से ही अन्य नियोजित व्यय के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अनुरोध किया कि राज्य सरकार को पूँजीगत व्यय और बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए अतिरिक्त वित्त संसाधनों की आवश्यकता है। इसके दृष्टिगत राज्य को जीएसडीपी के 1.5 प्रतिशत का अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति दी जाए।