नवजात शिशु का सिर जन्म के समय बेहद ही सॉफ्ट होता है. दरअसल, जन्म के बाद सिर की खोपड़ी की हड्डी बेहद ही नरम होती और यह धीरे-धीरे सख्त हो जाती है. लेकिन, सही समय पर देखभाल न की जाए, सिर का आकार पीछे से चपटा हो सकता है. कई बार पेरेंट्स बच्चे के सिर पर इतना ध्यान नहीं दे पाते हैं, ऐसे में नवजात शिशु का सिर हमेशा के लिए चपटा हो जाता है. वैसे, तो इस वजह से बच्चे को कोई खास समस्या नहीं होती है, लेकिन आप बच्चे के सिर को गोल बनाने के लिए घरेलू उपायों व सावधानियां बरत सकते हैं. इन उपायों को अपनाकर आप बच्चे के सिर को सही शेप में ला सकते हैं.
टमी टाइम का समय
बच्चे के सिर आकार और कंप्लीट हेल्थ के लिए टमी टाइम का समय आवश्यक होता है. इसके लिए आप शिशु के पेट के बल पर लेटाएं. इससे बच्चे की गर्दन और कंधे की मांसपेशियां सक्रिय और मजबूत बनती है. साथ ही वह सिर के वजन को कंट्रोल करने लगता है, जो सिर को चपटा होने की संभावना को कम करती है|
सोने की स्थिति में बदलाव करें
हालांकि, बच्चों को उनकी पीठ के बल सुलाने की सलाह दी जाती है, लेकिन उनके सिर की स्थिति को अलग-अलग करना भी जरूरी है. जब आप अपने बच्चे को सुलाने के लिए लेटाते हैं तो नवजात शिशु के सिर की दिशा को धीरे-धीरे बदलें. यह सिर के एक हिस्से पर लगातार दबाव को रोकने में मदद कर सकता है|
बच्चे को होल्ड करने की पोजीशन में बदलाव
पूरे दिन अपने बच्चे को अलग-अलग स्थिति में रखने से भी उसके सिर का आकार गोल हो सकता है. बच्चे को पकड़ने की स्थिति को बदले. इससे आप उनकी खोपड़ी पर दबाव को समान रूप से वितरित करने में मदद करते हैं.
बच्चे को हमेशा पालने में न सुलाएं
पालना बच्चों के लिए अच्छा हो सकता है. लेकिन कई बार इसका बिस्तर सख्त होने की वजह से उसके सिर पर दबाव पड़ सकता है. बच्चे के बिस्तर को रूई का बनाएं,और बहुत लंबे समय के लिए पालने में डालने से बचें|
राई के दानों का तकिया
नवजात शिशु के सिर को गोल बनाने के लिए आप उसके लिए राई के दानों का तकिया इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन, इस तकिए का इस्तेमाल करीब 6 माह के बाद ही करना चाहिए. साथ ही बच्चे को लंबे समय तक इस तकिए पर नहीं सुलाना चाहिए|
शिशु के आस-पास लटकायें रंगीन खिलौने
बच्चे के बिस्तर के आस-पास रंगीन और हल्के खिलौने भी लटका सकते हैं. हल्के होने की वजह से हवा के चलते जब खिलौने हिलेंगे तो उनको देखने के लिए बच्चे के सिर का मूवमेंट भी होता रहेगा.
बीच-बीच में गोद में भी लिटायें
शिशु को लम्बे समय तक बिस्तर पर एक ही जगह लिटाने की बजाय उसको कुछ-कुछ देर के लिए गोद में भी लिटाती रहें. इससे जगह बदलने के चलते नवजात शिशु के सिर की शेप भी नहीं बदलेगी साथ ही बच्चे को आराम भी मिलेगा|