भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने रविवार सुबह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपना पहला नया रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) D1 लॉन्च किया। जिसे देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वालीं 75 स्कूल की 750 छात्राओं ने मिलकर तैयार किया है।
वहीं इन 750 छात्राओं में राजधानी भोपाल की 15 छात्राएं भी शामिल है। श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने वाले सैटेलाइट के इंस्ट्रूमेंट की प्रोग्रामिंग में भोपाल की छात्राएं भी शामिल थी। यह स्टूडेंट्स इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी और रोबोटिक टेक्नोलॉजी में माहिर हैं। और इसके ही आधार पर इनका चयन हुआ था।
इन सभी 15 छात्राओं के साथ सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पौधारोपण किया। जिसके बाद आजाद सेटेलाइट में प्रोग्रामिंग करने वाली एमएलबी की छात्राओं को दी शुभकामनाएं।
उन्होंने कहा कि हमारी बेटियों ने कमाल कर दिया,उन्होंने दिखा दिया की कुछ भी असंभव नहीं। और कुछ कमी रह गई तो फिर प्रयास करेंगे। साथ ही सीएम ने छात्राओं के शिक्षक जितेंद्र को भी बढ़ाई दी। उन्होंने कहा कि ऐसी योजनाओं से छात्रों में गणित साइंस के प्रति रुचि बढ़ेगी।
वहीं भोपाल की जो छात्राएं इस प्रोजेक्ट का हिस्सा थी, उन्होंने कहा कि हम सभी को बहुत खुशी है कि हमने इसे तैयार किया है। हमें यकीन नहीं था कि हम कर पाएंगे लेकिन हो गया। उन्होंने ये भी कहा कि हमारे शिक्षकों ने हमेशा हमारी काफी मदद की है। उन्होंने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री ने हमे कहा कि निराश मत होना क्योंकि अब तक वो सैटेलाइट ऑर्बिट में नहीं पहुंची है।
इस आजादी सैटेलाइट को भारत की बेटियों ने बनाया है। इस सैटेलाइट का वजन 7.5 किलोग्राम है। जिसे देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वालीं 75 स्कूल की 750 छात्राओं ने मिलकर तैयार किया है। आजादी के अमृत महोत्सव के लिए इन छात्राओं को जहां एक ओर 75 वर्ष को इंगित करता है। वहीं दूसरी ओर देश की नारी शक्ति और देश के भविष्य में बेटियों की भागीदारी को भी दर्शाता है।