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सभी जीव-जंतुओं में एक ही चेतना, उनकी रक्षा करना हमारा कर्त्तव्य – मुख्यमंत्री चौहान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को इंदौर के अभय प्रशाल में “तेरा वैभव अमर रहे माँ” कार्यक्रम में अलग ही अन्दाज़ में नज़र आए। मुख्यमंत्री चौहान ने सांस्कृतिक एवं नैतिक प्रशिक्षण संस्थान इंदौर चेप्टर का शुभारंभ कर शालेय छात्र-छात्राओं के साथ खुला संवाद कर कुछ जानी-अंजानी आजादी की कहानियाँ बच्चों को सुनाई। मुख्यमंत्री चौहान के साथ बच्चों की केमिस्ट्री यादगार बन गई। अपने बीस मिनट के बच्चों से वार्तालाप के दौरान मुख्यमंत्री देश-भक्ति के रंगों में सभी को भिगोया। इस दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने सभी बच्चों को पर्यावरण की रक्षा, सबका सम्मान और विश्व-कल्याण का संकल्प भी दिलाया।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वासुधैव कुटुंबकम सदैव ही भारत का ध्येय रहा है। हमारे देश ने इस भाव को अपने अंदर समाहित किया – “सब सुखी रहें, सब निरोगी रहें और सब का कल्याण हो।” उन्होंने कहा कि 5 हजार साल से पुराने हमारे देश का ज्ञात इतिहास रहा है। जब तथाकथित विकसित देशों में सभ्यता का सूर्य उदय भी नहीं हुआ था, तब भारत में वेदों की ऋचाएँ गढ़ ली गई थी। उन्होंने कहा कि देश-भक्ति के भाव के साथ देश एवं प्रदेश के विकास में अपना योगदान दें।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जब परतंत्रता की बेड़ियों ने भारत को जकड़ा तब हमारे क्रांतिकारियों ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों को शहीद चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह एवं उधम सिंह द्वारा देश के लिए किए गए बलिदान और स्वतंत्रता की लड़ाई का वृतांत सुनाया। मुख्यमंत्री चौहान ने विद्यार्थियों को क्रांतिकारियों द्वारा आजादी के संकल्प के लिए दिए गए बलिदान की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव इन्हीं क्रांतिकारियों के स्मरण में मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने उपस्थित विद्यार्थियों का आहवान किया कि आज हमें देश के लिए जीना है और देश-भक्ति के भाव के साथ अपने देश एवं प्रदेश के विकास और प्रगति में योगदान देना है। उन्होंने कहा कि कर्मठ और ईमानदार नागरिक ही देश एवं प्रदेश का निर्माण करते हैं। आज की युवा पीढ़ी को ऐसा ही नागरिक बन कर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना है। मुख्यमंत्री चौहान ने विद्यार्थियों को अपने माता-पिता, गुरू और बहन-बेटियों का सम्मान और इज्जत करने का भाव अपने अंदर विकसित करने का संकल्प लेने की बात कही।

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