जबलपुर। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने महाकोशल अंचल की 38 सीटों में से 24 सीटें जीती थीं। 2018 के चुनाव में जातिवाद का जहर और आदिवासियों की बेरुखी के कारण भाजपा की सीटें घटकर 13 रह गईं जबकि कांग्रेस का ग्राफ बढ़कर 24 हो गया। 2023 के चुनाव में भाजपा पुन: महाकोशल को भगवा रंग में रंगने जुट गई है। अपने गढ़ पर जीत सुनिश्चित करने पार्टी ने प्रहलाद सिंह पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते और राकेश सिंह जैसे कद्दावर नेताओं को चुनावी रण में उतारा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सितंबर 2022 से लगातार महाकोशल अंचल के प्रमुख केंद्र जबलपुर पर फोकस कर रहे हैं।
प्रहलाद सिंह पटेल के पास लंबा अनुभव
नरसिंहपुर सीट से भाजपा के प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के पास लंबा राजनीतिक अनुभव है वह दो बार केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। उनकी मौजूदगी भाजपा को नरसिंहपुर के आस-पास की सीटों में भी लाभ पहुंचाएगी। केंद्रीय मंत्री तथा मंडला जिले की निवास सीट से भाजपा के प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते का आदिवासी अंचल में अच्छा प्रभाव है वह गांव-गांव का भ्रमण कर रहे हैं।
मतदाता संपर्क अभियान के अंतर्गत भाजयुमो, महिला मोर्चा जुटा है। बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं भी इस कार्य में लगे हैं। जबलपुर की हाट सीटों में एक पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी और जबलपुर के सांसद राकेश सिंह मतदाताओं को शहर के विकास कार्यों से अवगत करा रहे हैं। वर्तमान में इस सीट से कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व वित्त मंत्री तरुण भानोत विधायक हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के लगातार दौरे
भाजपा सरकार में महाकोशल अंचल की उपेक्षा को लेकर जनता और जनप्रतिनिधि लगातार आवाज उठाते रहे लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। चुनाव के पहले भाजपा को इस क्षेत्र की 38 सीटें में अपनी स्थिति मजबूत करने की सुध आई और मतदाताओं को पार्टी से जोड़ने की कवायद आरंभ हुई। बीते कुछ महीनों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने लगातार महाकोशल के प्रमुख केंद्र जबलपुर पहुंचकर चुनावी प्रबंधन का कार्य किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सितंबर 2022 से जबलपुर पर फोकस्ड हैं।