हिंदू धर्म में शक्ति की आराधना के लिए नवरात्र के नौ दिन शुभ माने जाते हैं। माना जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा करता है उस पर पूरे साल मां की कृपा बनी रहती है। शारदीय नवरात्र का पावन पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी रविवार 15 अक्टूबर 2023 को शुरू हो चुका है। यह 24 अक्टूबर 2023 मंगलवार तक मनाया जाएगा। नवरात्र का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित होता है। 17 अक्टूबर को मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी। माना जाता है कि माथे पर चंद्रमा को धारण करने वाली मां दुर्गा के इस रूप की पूजा करने से व्यक्ति हमेशा संकटों से बचा रहता है।
मां चंद्रघंटा पूजा विधि
इस दिन सुबह स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। फिर मां चंद्रघंटा का ध्यान और स्मरण करें। माता चंद्रघंटा की मूर्ति को लाल या पीले कपड़े पर रखें। मां को कुमकुम और अक्षत का लगाएं। विधिपूर्वक मां की पूजा करें। मां चंद्रघंटा को पीला रंग प्रिय होता है। उन्हें पीले फूल अर्पित करें। मां चंद्रघंटा देवी को मिठाई और दूध से बनी खीर बहुत पसंद है। देवी चंद्रघंटा की पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें। दुर्गा सप्तशती और चंद्रघंटा माता की आरती का पाठ करें। देवी के इस रूप की पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है। रात्रि के समय भी माता की आरती और ध्यान करें।
मां चंद्रघंटा मंत्र
पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।
शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04.27 से सुबह 05.00 बजे तक।
अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11.29 से दोपहर 12.00 बजे तक।
विजय मुहूर्त – दोपहर 01.47 से दोपहर 02.33 बजे तक।
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05.37 से शाम 06.02 बजे तक।