भोपाल, तीन उपनगरों बैरागढ़, नीलबड़-रातीबड़ और कोलार सहित ग्रामीण आबादी बहुल, राजधानी भोपाल को C आकार से घेरे हुजूर विधानसभा जिसमें बड़े तालाब का 65% किनारा आता है। केरवा डेम, कलियासोत सहित सलकनपुर मार्ग, होशंगाबाद रोड, विदिशा, रायसेन रोड, माँ कंकाली धाम, एयरपोर्ट सहित राजधानी के सबसे बड़े कपड़ा, वर्तन और पटाखा बाजार आते है।
इस मिली जुली आबादी और विविध भौगोलिक स्थिति वाली विधानसभा में चुनावी जमावट में भाजपा तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। वार्ड स्तर और पंचायत स्तर पर कार्यकर्ता बैठकों का आयोजन शुरू हो गया है। भाजपा प्रत्याशी रामेश्वर शर्मा ने नियमित जनसम्पर्क शुरू कर दिया है। भाजपा संगठन ने भी मंडलों को सक्रिय होने का आदेश जारी कर दिया है।
कांग्रेस कार्यकर्ता सम्भावित उम्मीदवारों के नाम की चर्चा में ही व्यस्त
भौगोलिक, सामजिक और भाषाई विविधता वाली हुजूर विधानसभा जो की भाजपा की अजय सीट है। हर गली, मोहल्ले में भाजपा के सक्रिय सदस्य है। काँग्रेस के लिए चैलेंज बनी सीट पर कांग्रेस कार्यकर्ता अभी भी चैन से है और अभी भी ग्रामीण और शहर कांग्रेस के विवाद में उलझे हुए निष्क्रिय है।
कांग्रेस कार्यकर्ता जल्द आने वाली सूची में नामों पर चर्चा कर चुनावी व्यक्त काट रहे है। चर्चा में जो चिंता निकल कर आ रही है की कांग्रेस पहली सूची में 2 सिंधी और 5 जैन उम्मीदवार को प्रदेश में उतार चुकी है। वही भोपाल में एक ब्राह्मण उम्मीदवार उतार दिया है। जिससे हुजूर से सिंधी दावेदार, जैन दावेदार और ब्राह्मण दावेदार की टिकट पर संकट आ गया है। अब काँग्रेस हुजूर के लिए भोपाल के किसी कद्दावर नेता को जो पूरे भोपाल में प्रभाव रखता हो उसे या ओबीसी वर्ग से हो उसे टिकट दे सकती है।