भोपाल, मध्यप्रदेश में चुनाव की तपिश बढ़ गई है प्रमुख दल भाजपा 136 और काँग्रेस 229 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है।
भोपाल की हुजूर विधानसभा क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रदेश की पांच बढ़ी सीटों में शुमार करती है।
हुजुर विधानसभा से प्रमुख दावेदार है।
– रामेश्वर शर्मा
भाजपा से दावेदार है। प्रखर हिन्दूवादी छवि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने रामेश्वर शर्मा को विकास पुरुष का नाम दिया, क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहते है, क्षेत्र की जनता से सीधा संवाद, राष्ट्रीय स्तर पर पहचान, हुजूर विधानसभा में अनेकों विकास कार्य शुरू करें। जिससे क्षेत्र की सड़क कनेक्टिविटी बढ़ी, क्षेत्र में मकानों की कीमत, जमीन की कीमत बढ़ी, पानी की समस्या का समाधान हुआ। कालेज खुले, स्कूलों में सुधार कार्य हुए। क्षेत्र में चिकित्सा सुविधा बढ़ी। सैकड़ो स्थानों पर स्ट्रीट लाइट आई।
– नरेश ज्ञानचन्दनी
कांग्रेस से उम्मीदवार नरेश ज्ञानचन्दनी समाजसेवी है, हुजूर विधानसभा सिंधी समाज बहुल है समाज का समर्थन मिलता रहा है। 2018 के चुनाव में वर्तमान विधायक को कड़ी टक्कर दी थी। हार जीत का अंतर 15000 से कम कर दिया था। परिणाम के बाद क्षेत्र में सक्रिय रहे। कोरोना काल मे अनेकों सामाजिक काम करें। पिछले वर्ष हुई बारी बारिश में जलभराव क्षेत्रों में मदद करते देखें गये। चर्चित है की बैरागढ़ में बनने वाले एलिवेटेड ब्रिज जो की व्यापारिक क्षेत्र को प्रभावित कर रहा था उसके लिए आंदोलन किया। जब 18 माह की कांग्रेस सरकार की आई तब क्षेत्र में सक्रिय रहे। जनसमस्याओं की सुनवाई करते थे।
– शिशुपाल यादव
समाजवादी पार्टी से उम्मीदवार समाजवादी नेता शिशुपाल यादव लम्बे समय से राजनीति में सक्रिय है। समाजवादी पार्टी के अनेकों आंदोलन में पिछले वर्षों में शामिल रहे हैं।
– रविकांत द्विवेदी
आप पार्टी से उम्मीदवार रविकांत द्विवेदी सरकारी अधिकारी रहे है। मीडिया में भी चर्चित रहे है। रविकांत द्विवेदी का दावा है क्षेत्र में ब्राह्मण वोटर उनकी ताकत है। आप पार्टी का वोटर प्रदेश में लगातर बढ़ रहा है जिसका लाभ उन्हें मिलेगा।
सूत्रों के अनुसार जानकारी आ रही है की पूर्व में विधायक रहे जितेंद्र डागा जो की कांग्रेस के टिकट दावेदार थे वो भी ग्रामीण क्षेत्र में पकड़ और अपने विधायकीय कार्यकाल में करें कार्यो के दम पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव में उतर सकते है।
वही तीन बार जिला पंचायत सदस्य रहे विष्णु विश्वकर्मा ने भी शुक्रवार को अपने समर्थकों को मीटिंग के लिए बुलाया है, विष्णु विश्वकर्मा 30 से ज्यादा बूथों पर पकड़ रखते है। वो भी निर्दलीय चुनाव लड़ हुजूर की सियासत को रोजक बना सकते है।