Home Madhya Pradesh मध्य प्रदेश में आक्रामक तेवर में अखिलेश यादव

मध्य प्रदेश में आक्रामक तेवर में अखिलेश यादव

aggressive attitude

 

 

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम सियासी दल जोर-आजमाइश में लगे हुए हैं. इस बीच सोमवार (23 अक्टूबर) को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एमपी के मिर्ची बाबा उर्फ राकेश दुबे से मुलाकात की. अखिलेश यादव ने मिर्ची बाबा को एमपी विधानसभा चुनाव 2023 में एक विशेष सीट से चुनाव लड़ने के लिए शुभकामनाएं भी दीं.

संभावना जताई जा रही है कि मिर्ची बाबा सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर सकते हैं. उत्तर प्रदेश में बीजेपी की मुख्य प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी (सपा) भी मध्य प्रदेश में अब तक 46 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर चुकी है. 22 अक्टूबर को सपा ने एमपी चुनाव के लिए 12 और प्रत्याशियों का ऐलान किया था.

विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में शामिल समाजवादी पार्टी एमपी में कांग्रेस के साथ राज्य स्तर पर एकसाथ आने में कामयाब नहीं हो सकी है. इसे लेकर दोनों के बीच वार-पलटवार भी काफी हुए.

अखिलेश-वखिलेश से छिड़ी थी जुबानी जंग

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के एक बयान के बाद से समाजवादी पार्टी भड़की हुई है. दोनों दलों के बीच जुबानी जंग में ‘अखिलेश-वखिलेश’ से होते छुटभैय्या नेता के बाद अब दोस्त पर आकर थमती नजर आ रही है. हालांकि, इसके बाद कांग्रेस और सपा में गठबंधन पर कोई बात बनती नहीं दिख रही है.

 

एमपी विधानसभा चुनाव 2018 में कैसा रहा था सपा का प्रदर्शन?

चुनाव आयोग की वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, 2018 के मध्य प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 52 प्रत्याशियों को सियासी दंगल में उतारा था. सपा को केवल एक ही सीट पर जीत हासिल हुई थी. वहीं, इनमें से 45 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी.

पांच सीटों पर सपा आई थी सेकेंड

भले ही 52 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली समाजवादी पार्टी के 45 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. इसके बावजूद सपा एमपी चुनाव में पांच विधानसभा सीटों पर दूसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी थी. आसान शब्दों में कहें तो उसने पांच सीटों पर कांग्रेस को भी पछाड़ दिया था. 2018 में सपा को 1.30 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे.

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से किया था गठबंधन

2018 के एमपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के साथ गठबंधन किया था. जीजीपी को गोंड आदिवासियों की राजनीति करने वाली पार्टी के तौर पर देखा जाता है.

बिजावर सीट पर मिली थी जीत

2018 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को बिजावर विधानसभा सीट पर जीत हासिल हुई थी. सपा के प्रत्याशी रहे राजेश शुक्ला ने 36714 वोटों के अंतर से बीजेपी के उम्मीदवार पुष्पेंद्र नाथ पाठक मात दी थी. गौरतलब है कि कांग्रेस ने बिजावर विधानसभा सीट से भी अपना प्रत्याशी उतारा है.

I.N.D.I.A. के सामने अखिलेश का P.D.A. फॉर्मूला!

अखिलेश यादव 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए बनाए गए विपक्षी दलों के I.N.D.I.A. में शामिल हैं, लेकिन वह अपनी अलग सियासी रणनीति भी जाहिर करते रहते हैं. हाल ही में उन्होंने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि होगा 24 का चुनाव, PDA का इंकलाब.

समाजवादी पार्टी का PDA फॉर्मूला पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक समुदाय के वोटों की राजनीति के सहारे अपनी सियासी जमीन तैयार करने वाला माना जा रहा है. सियासी जानकारों का मानना है कि इस फॉर्मूले से यूपी में सपा वोटरों पर अपनी पकड़ को मजबूत करने की कोशिश करेगी.

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