मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनावी की जोर-शोर से चल रही तैयारियों के बीच कांग्रेस और बीजेपी के वर्करों का विरोध प्रदर्शन पिछले कई दिनों से जारी है. दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता और नेताओं के समर्थक अपने नेता को टिकट नहीं देने पर नाराजगी जता रहे हैं.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ के आवास के बाहर पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कई सीटों पर उम्मीदवारों को बदलने को लेकर हनुमान चालीसा पाठ करा. हुजूर सीट से इन्होंने उम्मीदवार बदलने की मांग की. पार्टी ने यहां से नरेश ज्ञानचंदानी को मैदान में उतारा है. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ता विष्णु विश्वकर्मा ने कहा कि टिकट सर्वे के आधार पर नहीं दिया गया.
राजस्थान में इन सीटों पर हो रहा विरोध प्रदर्शन
राजस्थान में बीजेपी की दूसरी लिस्ट आने के बाद समर्थकों और टिकट की दावेदारी कर रहे लोगों ने राजसमंद, उदयपुर, कोटा और श्रीगंगानगर सहित कई जगहों पर विरोध किया. राजसमंद की कुंभलगढ़ सीट से बीजेपी उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह राठौड़ के खिलाफ विरोध करते हुए कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे.
पीटीआई से बात करते हुए पूर्व जिला परिषद सदस्य नाथूलाल गुर्जर ने कहा, ” जिन्होंने भी टिकट देने का फैसाल लिया वो जमीनी स्थिति नहीं जानते. वहीं श्रीगंगानगर से जयदीप बिहानी को टिकट देने से नाराज विनीता आहूजा निर्दलीय चुनाव लड़ाने का ऐलान किया.
मध्य प्रदेश में भी हुआ विरोध
मध्य प्रदेश में सत्ताधारी दल बीजेपी और कांग्रेस दोनों के वर्करों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह मुरैना से टिकट नहीं मिलने के बाद बीजेपी छोड़ दी और बसपा में शामिल हो गए. बसपा ने उनके बेटे को यहां से चुनावी मैदान में उतारा है.
शुजालपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मांग की कि यहां से रामवीर सिंह सिकरवार की जगह योगेंद्र सिंह उर्फ बंटी बना को टिकट दिया जाए. वहीं कांग्रेस ने सोमवार (23 अक्टूबर) को आमला सीट से मनोज मल्वे को चुनावी मैदान में उतारा. ऐसे में कांग्रेस राज्य की सभी 230 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. बता दें कि मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर 17 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि गिनती तीन दिसंबर को होगी.