हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 100 साल बाद इस बार करवा चौथ व्रत के दिन ही संकष्टी चतुर्थी, सर्वार्थ सिद्धि योग, शिववास जैसे संयोग निर्मित हो रहे हैं। ऐसे में जो युवतियां पहली बार करवा चौथ व्रत रखने वाली है, उनके लिए इस साल का करवा चौथ व्रत विशेष फलदायी होगा। पंडित आशीष शर्मा के के मुताबिक, यदि आप भी पहली बार करवा चौथ व्रत रख रही हैं तो इन बातों की सावधानी रखना बेहद जरूरी है।
मलमास का नहीं होगा प्रभाव
करवा चौथ व्रत इस बार शुभ संयोग में आ रहा है, इसलिए मलमास का प्रभाव नहीं होगा। जो युवतियां पहली बार करवा चौथ व्रत कर रही है, उन्हें बगैर किसी तनाव के करवा चौथ व्रत करना चाहिए। करवा चौथ व्रत पर विधि-विधान के साथ पूजा करने के बाद ही व्रत खोलना चाहिए।
नवविवाहिता इन रंग की साड़ी पहने
यदि शादी के बाद आप पहली बार करवा चौथ का व्रत कर रही हैं तो नवविवाहिताओं को लाल या गुलाबी रंग की साड़ी पहनकर सोलह सिंगार करना चाहिए। लाल या गुलाबी रंग को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। नीला, काला या कत्थई रंग का वस्त्र धारण न करें।
सरगी करना न भूलें
पहली बार करवा चौथ का व्रत करना नव विवाहित महिलाओं के लिए मुश्किल भरा हो सकता है। ऐसे में सूर्योदय के पहले ही सरगी करना न भूलें। सरगी में ऐसी चीजों का सेवन करें, जिससे दिनभर पेट भरा हुआ महसूस हो। पहली बार करवा चौथ का व्रत करें तो चंद्रमा को अर्घ देने के बाद पति के हाथों ही उपवास को खत्म करना चाहिए।
करवा चौथ की कथा जरूर सुने
पहली बार करवा चौथ का व्रत करें तो महिलाओं को श्रृंगार के अर्पण में सिंदूर जरूर रखना चाहिए। पूजा के बाद पति के हाथों से सिंदूर माथे में लगवाना चाहिए। ऐसा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। साथ ही पूजा आराधना के बाद करवा चौथ कथा भी जरूर सुनना चाहिए।