सीमेंट की कीमतों में तेज उछाल से कंस्ट्रक्शन कॉस्ट में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. सीमेंट की कीमतों में उछाल को लेकर लगातार कार्टलाइजेशन की बात सामने आती रही है. अब भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India ) सीमेंट सेक्टर को लेकर हरकत में आ गया है. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने पूरे देश में सीमेंट सेक्टर को लेकर पैन-इंडिया मार्केट स्टडी करने का फैसला किया है.
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने अपने बयान में बताया कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद अहम माने जाने वाले हाउसिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर्स के लिए सीमेंट को सबसे अहम इनपुट माना जाता है. इन सेक्टरों के साथ कई प्रकार की दूसरी इंडस्ट्रीज भी जुड़ी है. जिससे इस सेक्टर पर अर्थव्यवस्था के विकास की राह को प्रभावित करने की क्षमता है. प्रतिस्पर्धा आयोग ने कहा कि कई महत्वपूर्ण सेक्टर्स के लिए सीमेंट के महत्व को देखते हुए, बेहतर तरीके काम करने वाला और कॉम्पिटिटिव सीमेंट मार्केट का होना बेहद जरुरी है. सीमेंट सेक्टर में मिलीभगत की अपार संभावनाएं हैं जो इसे सवेंददनशील बनाती है इसी को ध्यान में रखते हुए सीमेंट बाजार की संरचनात्मक विशेषताओं को देखते हुए देश के सभी क्षेत्रों में सीमेंट बाजार के कामकाज और प्रतिस्पर्धा की स्थिति को समझने की कोशिश की जाएगी.
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने सीमेंट सेक्टर को लेकर किए जाने वाले अध्ययन से कमीशन के सामने चल किसी मामले की सुनवाई से कोई लेना-देना नहीं होगा. आयोग सीमेंट प्राइस, उसके ट्रेंड, उत्पादन लागत, कैपेसिटी, कैपेसिटी यूटिलाइजेशन और मुनाफे का अध्ययन करेगा. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग सीमेंट की कीमतों में बदलाव के कारणों का अध्ययन करेगा.
दरअसल सितंबर महीने में सीमेंट कंपनियों की तरफ से 12 से 13 फीसदी तक दामों में बढ़ोतरी की खबर आई थी. कंपनियों ने लागत में बढ़ोतरी को इसके लिए जिम्मेदार बताया था. बारिश का मौसम खत्म हो चुका है ऐसे में सीमेंट की मांग में बढ़ोतरी आ सकती है. जिसके चलते कीमतों में और बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है.