23/11/2023 08:25:26
रॉड आने की वजह से पाइप थोड़ा श्रिंक
800 एमएम के पाइप को भीतर डालते वक्त सामने आए लोहे की रॉड आने की वजह से पाइप थोड़ा श्रिंक कर गया है. इसके चलते उसे आगे बढ़ाने में समस्या आ रही है. इसके लिए एक्सपर्ट की टीम बुलाई गई है, जो पाइप के शेप को दुरुस्त करके उसे दोबारा अंदर डालने का काम करेगी.
23/11/2023 08:21:10
पाइप को अंदर भेजने की प्रक्रिया फिलहाल के लिए रुकी
सूत्रों के अनुसार जिस पाइप को अंदर भेजा जा रहा था उसके आगे का हिस्सा लोहे की सरिया से टकराकर मुड़ गया था लिहाजा अब उस आगे के हिस्से को गैस कटर से काटकर अलग किया जा रहा है. बाद में उस हिस्से को छोटी-छोटी टुकड़ों में काट कर पाइप से वापस निकाला जाएगा. इसके चलते पाइप को अंदर भेजने की प्रक्रिया फिलहाल के लिए रुकी हुई है..
23/11/2023 08:19:50
मशीन में आई ख़राबी की वजह से काम फिर से बाधित
टनल में ड्रिलिंग का काम फिर रूका. मशीन में आई ख़राबी की वजह से काम फिर से बाधित हुआ.मशीन को ठीक करने के लिये कुछ एक्सपर्ट बुलाये गये है
23/11/2023 08:17:28
उत्तरकाशी के डीएम अभिषेक रूहेला घटनास्थल पर
उत्तरकाशी के डीएम अभिषेक रूहेला घटनास्थल पर पहुंचे, जहां 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद फंसे हुए 41 श्रमिकों को बचाने के लिए बचाव अभियान जारी है.
23/11/2023 08:17:09
हाइड्रोलिक कटर की मदद से इस लोहे को काटने की कोशिश
ताज़ा जानकारी के मुताबिक मुमकिन है कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने में अभी कम से कम 3 से 4 घंटे का वक़्त अभी और लगे. फंसे हुये मज़दूरों को निकालने के लिये जो 800mm वाली पाइप डाली गयी है अब इसी पाइप के अंदर NHIDCL और NDRF के जवान अंदर गये है. और फिर हाइड्रोलिक कटर की मदद से इस लोहे को काटने की कोशिश की जा रही है.
23/11/2023 08:16:57
हाइड्रोलिक कटर की मदद से इस लोहे को काटने की कोशिश
ताज़ा जानकारी के मुताबिक मुमकिन है कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने में अभी कम से कम 3 से 4 घंटे का वक़्त अभी और लगे. फंसे हुये मज़दूरों को निकालने के लिये जो 800mm वाली पाइप डाली गयी है अब इसी पाइप के अंदर NHIDCL और NDRF के जवान अंदर गये है. और फिर हाइड्रोलिक कटर की मदद से इस लोहे को काटने की कोशिश की जा रही है.
23/11/2023 08:16:11
कैमरे की मदद से मलबे और 41 मज़दूरों की निगरानी
कैमरे की मदद से मलबे और 41 मज़दूरों की निगरानी हो रही है. इन 41 मज़दूरों के बाहर निकलने पर तीन स्तर पर होगी शारीरिक जाँच. पैरामेडिक, CMO और चिन्याली सौड के अस्पताल में जांच होगी. दिल्ली से आज कुछ और मशीन और Equipment के साथ भूगर्भशास्त्री की टीम यहाँ आयेगी और निरीक्षण कर एक रिपोर्ट तैयार किया जायेगा.
23/11/2023 08:15:50
मेडिकल इक्विपमेंट्स साइट पर पहुंचे
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के प्रयास जारी हैं और मेडिकल इक्विपमेंट्स साइट पर पहुंच गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, आज सुरंग से मजदूरों को बाहर निकाले जाने की उम्मीद है.
उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को आज 11वां दिन हैं. बचाव अभियान के दसवें दिन मंगलवार को सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के सकुशल होने का पहला वीडियो सामने आया था. जिसने उनके परिवारों की उम्मीद के साथ ही बचावकर्मियों का मनोबल भी बढ़ा दिया था. अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने मलबे को काटकर निकासी मार्ग से श्रमिकों को निकालने का रुका हुआ अभियान फिर से शुरू कर दिया है. सुरंग में फंसे श्रमिकों को पाइप के माध्यम से रात के खाने के लिए शाकाहारी पुलाव, मटर-पनीर और मक्खन के साथ चपाती भेजी गई.
अधिकारियों ने कहा कि इससे पहले, सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को छह इंच चौड़े पाइप के माध्यम से सेब, संतरे, मौसमी और केले जैसे फल व इलेक्ट्रॉल जैसी आवश्यक दवाइयां पहुंचाई गईं. दिल्ली में, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा शाम को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम (एनएचआईडीसीएल) ने सिल्क्यारा की तरफ से क्षैतिज बोरिंग अभियान फिर से शुरू कर दिया है.
बचावकर्मियों ने चार धाम मार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग के बाड़कोट-छोर पर भी दो विस्फोट किए, जिससे अंदर फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए एक और सुरंग को ड्रिल करने की प्रक्रिया शुरू हुई. उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन साढ़े चार किलोमीटर लंबी सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे उसमें मलबे के दूसरी ओर श्रमिक फंस गए.
अधिकारियों ने बताया कि मलबे में डाली गई छह इंच की पाइपलाइन के जरिए श्रमिकों तक एंडोस्कोपिक फ्लैक्सी कैमरा भेजा गया जिससे तड़के मिले वीडियो से उनके सकुशल होने का पता चला. यह कैमरा सोमवार देर शाम दिल्ली से सिलक्यारा लाया गया था. वीडियो में पीले और सफेद रंग के हेलमेट पहने श्रमिक पाइपलाइन के माध्यम से भेजा गया भोजन प्राप्त करते हुए और एक-दूसरे से बात करते हुए दिखाई देते हैं.