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New Guidelines for Ecommerce: ईकॉमर्स कंपनियों पर नकेल, डार्क पैटर्न पर लगा बैन

Ecommerce: Crackdown on

 

सरकार ने ग्राहकों को गुमराह कर रही ईकॉमर्स कंपनियों पर सख्ती करते हुए उनकी नकेल कस दी है. भ्रामक विज्ञापनों के जरिए लोगों को खरीदारी के लिए मजबूर करने वाले डार्क पैटर्न (Dark Patterns) पर बैन लगा दिया गया है. अब कोई भी ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म ऐसी किसी भी डार्क पैटर्न का इस्तेमाल नहीं पाएगा. ऑनलाइन या ऑफलाइन ऐसा कोई भी हथकंडा इस्तेमाल करने पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगेगा. इससे अमेजन और फ्लिपकार्ट समेत लगभग हर ईकॉमर्स कंपनी के कारोबार पर असर पड़ेगा. मगर, ग्राहकों के हित सुरक्षित रहेंगे. आइए समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर यह क्या बला है.

गुमराह करने वाले विज्ञापन अब और नहीं

ईकॉमर्स कंपनियां अपना माल बेचने के लिए काफी समय से इस गलत तरीके को इस्तेमाल करने लगी थीं. ग्राहकों को गुमराह करने वाले मैसेज और विज्ञापन दिखाए जाते थे. इनमें लिखा होता था कि यह प्रोडक्ट खत्म होने वाला है या फ्लाइट-बस में तेजी से सीटें खत्म हो रही हैं. ये दावे लोगों को गुमराह करने वाले होते हैं. इसके चलते लोग हड़बड़ी में खरीदारी कर डालते थे. गुड्स एवं सर्विसेज सेक्टर में ऐसे डार्क पैटर्न की गलत प्रेक्टिस को बढ़ता देखकर सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए इस बैन लगा दिया है.

लोगों को मजबूर कर कराई जाती है खरीदारी

डार्क पैटर्न से कंपनियां ग्राहकों को गुमराह करने वाले विज्ञापन दिखाती हैं. साथ ही विज्ञापनों में उत्पादों की कीमत कुछ और दिखाई जाती है, जबकि खरीदते समय कीमत बदल जाती है. इन फर्जी विज्ञापनों से कंपनी को फायदा होता है. मगर, इसके चलते ग्राहकों के अधिकारों का उल्लंघन होता है. अब ऐसा करने वाली कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाएगा. डार्क पैटर्न का इस्तेमाल ऑफलाइन सेल में भी किया जाने लगा था.

छुपी हुई शर्तों वाली डील अब नहीं चलेगी

कई बार ग्राहकों को लुभाने के लिए ई-कॉमर्स कंपनियां दावा करती हैं कि किसी प्रोडक्ट पर 50 फीसदी छूट सिर्फ दो घंटे के लिए है. मगर, यह एक डार्क पैटर्न डील होती है क्योंकि इसकी छुपी हुई शर्तों के चलते हर कोई इसका लाभ नहीं ले सकता. हालांकि, वेबसाइट का ट्रेफिक बढ़ जाता है. साथ ही संभावना बढ़ जाती है कि आप कोई और प्रोडक्ट खरीद लें. नए नियमों में साफ कहा गया है कि शॉर्ट टाइम डील के नाम पर ग्राहकों को गुमराह नहीं किया जा सकता है. न ही सब्सक्रिप्शन का दबाव डाला जा सकता है. डिस्काउंट को भी छिपाया नहीं जा सकता है.

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