MP Assembly:भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री और नव निर्वाचित विधायक नरेंद्र सिंह तोमर 20 दिसंबर को निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुने जाएंगे। तोमर ने भाजपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ विधानसभा पहुंचकर विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भर दिया है। अब 20 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन होगा और तोमर इसी दिन बतौर विधानसभा अध्यक्ष पदभार ग्रहण करेंगे। सामयिक अध्यक्ष गोपाल भार्गव नए अध्यक्ष को शपथ दिलाएंगे।
राज्यपाल का अभिभाषण भी
20 दिसंबर को ही राज्यपाल का अभिभाषण भी होगा और 21 दिसंबर को अन्य शासकीय कार्य संपादित होंगे। विधानसभा में 163 सदस्य भाजपा के हैं, इसलिए निर्विरोध निर्वाचन होगा। तोमर के रूप में पहली बार विधानसभा का अध्यक्ष ग्वालियर-चंबल अंचल से बनेगा। अभी तक अधिकतर समय विंध्य और महाकोशल अंचल से अध्यक्ष बनते आए हैं।
2019 में टूटी थी परंपरा
बता दें कि 2019 में वर्षों से चली आ रही परंपरा को तोड़ते हुए विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन कराया गया था, लेकिन इस बार भाजपा पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई है। ऐसे में, पूर्व से चली आ रही परंपरा को बरकरार रखते हुए इस बार विधानसभा अध्यक्ष निर्विरोध चुना जा रहा है।
विधानसभा उपाध्यक्ष पद को लेकर स्थिति साफ नहीं
इधर, विधानसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलेगा या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। 15वीं विधानसभा में अध्यक्ष के निर्वाचन के समय कांग्रेस और भाजपा के बीच मतभेद हो गए थे। भाजपा ने अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार उतार दिया था। चुनाव में कांग्रेस के एनपी प्रजापति विजयी हुए थे, लेकिन इसके बाद उपाध्यक्ष का पद भी कांग्रेस ने विपक्ष को नहीं दिया।
लांजी से विधायक रहीं हिना कांवरे को उपाध्यक्ष बनाया था। मार्च 2020 में जब सत्ता परिवर्तन हुआ तो कांग्रेस ने यह पद परंपरा के अनुसार विपक्ष को देने की बात उठाई पर सरकार ने कांग्रेस पर परंपरा को तोड़ने का आरोप लगाते हुए पद नहीं दिया और स्वयं भी किसी को उपाध्यक्ष नियुक्त नहीं कर पाई।
नेता प्रतिपक्ष के भतीजे और पुत्र बने नेता प्रतिपक्ष और उपनेता
उमंग सिंघार की बुआ स्वर्गीय जमुना देवी नेता प्रतिपक्ष थी। अब सिंघार को भी नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। इसी तरह हेमंत कटारे के पिता स्वर्गीय सत्यदेव कटारे भी नेता प्रतिपक्ष थे और अब हेमंत कटारे को भी सदन में कांग्रेस का उपनेता बनाया गया है।