Prevent Cancer: हमारे देश में तंबाकू, सुपारी, धूमपान, शराब, अनियमित जीवनशैली एवं खानपान के कारण हर साल कैंसर के करीब 15 लाख नए मामले सामने आ रहे हैं। करीब आठ लाख मरीजों की मृत्यु हो रही है। पुरुषों में मुंह, फेफड़े और पेट के कैंसर के मामले ज्यादा पाए जाते हैं। महिलाओं में सबसे अधिक स्तन, बच्चेदानी और अंडाशय कैंसर पाया जाता है।
हेड एवं नेक कैंसर सर्जन डा. अपूर्व गर्ग का कहना है कि कैंसर के मुख्य लक्षण हैं मुंह में छाले, लंबे समय तक खांसी, अचानक वजन में कमी, स्तन एवं गले में गठान, महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद खून का स्राव इत्यादि। पिछले दशक के बाद से कैंसर के इलाज की तकनीकों में तीव्र गति से विकास हुआ है और आज इसके कई मरीज पूर्णतः स्वास्थ्य जीवन जी रहे हैं।
शुरुआती स्टेज में इलाज तो नियंत्रित हो सकती है बीमारी
स्तन एवं मुंह के कैंसर के मरीज शुरुआती स्टेज में अपना इलाज लेने पर 90 प्रतिशत तक बीमारी को नियंत्रित कर सकते हैं। फेफड़े के कैंसर के स्टेज चार के एक तिहाई मरीज मात्र गोलियों के द्वारा अपनी बीमारी को नियंत्रित कर सकते हैं। आज कैंसर के इलाज में कारगर अत्याधुनिक चिकित्सा पद्धति हमारे ही शहर में उपलब्ध है। जिसके लिए मरीज को मुंबई, अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं हैं।
इन चीजों से रखें दूरी
कैंसर के इलाज में देरी करना घातक सिद्ध हो सकता है। कैंसर से बचाव के लिए तंबाकू, गुटका, सिगरेट, बीड़ी, शराब, हुक्का, शीशा एवं ई-सिगरेट का सेवन न करें। वजन नियंत्रित रखें, रोज व्यायाम करें, ताजे फल, सब्जियां खाएं। कैंसर का इलाज समय पर करवाएं क्योंकि समय पर सही उपचार न मिलना मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।