मध्य प्रदेश की माटी के लाल एवं हिन्दी साहित्य की स्वातंत्र्योत्तर प्रगतिशील काव्यधारा के कवि गजानन माधव मुक्तिबोध जी की पुण्यतिथि पर कोटिश: नमन !
“अंधेरे में”, “चांद का मुंह टेढ़ा है”, “ब्रह्मराक्षस” जैसी आपकी अमूल्य रचनाएं साहित्य जगत को सदैव सुरभित करती रहेंगी !