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Republic Day 2024: भारत की सैन्य ताकत से नारी शक्ति के पराक्रम तक… विविधता के साथ आधुनिकता का संगम, ऐसा रही गणतंत्र दिवस परेड

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India 76th Republic Day: गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर अलग-अलग राज्यों की झाकियां निकाली गईं. हर झांकी की थीम उस राज्य की विविधता को दर्शाते हुए तैयार की गई. झारखंड की झांकी की थीम ‘तसर सिल्क’ था, तो मध्य प्रदेश की झांकी के जरिए ‘आत्मनिर्भर महिला-विकास का मंत्र’ दिया गया. झांकियों के साथ हर पारंपरिक नृत्य भी देखने को मिला. इस साल कर्तव्य पथ पर कुल मिलाकर 16 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की झाकियां निकाली गईं.

गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जरिए राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराकर हुई. इसके बाद राष्ट्रगान गाया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सहित वहां मौजूद सभी गणमान्य लोगों ने झंडे को सलामी दी. इसके बाद कर्तव्य पथ पर परेड की शुरुआत हुई, जिसमें सबसे पहले भारत की सांस्कृतिक विविधता, एकता एवं प्रगति, बढ़ती स्वदेशी क्षमताओं के दम पर इसकी सैन्य शक्ति और देश में बढ़ती नारी शक्ति को प्रदर्शित किया गया.

सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि भारत के जरिए पिछले एक साल में हासिल की गई उपलब्धियों को भी झांकियों के जरिए दिखाया गया. चंद्रयान-3 की सफलता से लेकर भारत में बढ़ रही आधुनिकता को दिखाने वाली झांकियां कर्तव्य पथ से होकर गुजरीं.

किस राज्य की क्या थी झांकियों की थीम?

अरुणाचल प्रदेश की झांकी का थीम ‘बुगुन समुदाय रिजर्व-विकसित भारत’ रहा. इसमें राज्य की जैव विविधता को दिखाया गया.

हरियाणा की झांकी का ‘मेरा परिवार-मेरी पहचान’ रही. ये हरियाणा सरकार का एक प्रोग्राम है. इसके साथ ही हरियाणा का पारंपरिक डांस भी देखने को मिला.

मणिपुर की झांकी की थीम ‘थम्बल गी लंगला-कमल धागे’ थी, जिसमें नारी शक्ति का प्रदर्शन किया गया. इसमें एक मार्केट का भी जिक्र किया गया.

‘आत्मनिर्भर महिला-विकास का मंत्र’ के साथ मध्य प्रदेश की झांकी निकाली गई, जिसमें राज्य की महिलाओं का आत्मनिर्भर और प्रगतिशील रवैया दिखाया गया.

‘विकसित भारत में महिला सशक्तिकरण’ के साथ कर्तव्य पथ पर ओडिशा की झांकी आई. इसमें राज्य समृद्ध हस्तशिल्प उपलब्धियों को दर्शाया गया है.

छत्तीसगढ़ की झांकी की थीम ‘बस्तर मुरिया दरबार की आदिम जन संसद’ था. इसमें आदिवासी समुदायों में मौजूद पारंपरिक लोकतांत्रिक मूल्यों को दर्शाया गया.

राजस्थान की झांकी ‘विकसित भारत में-पधारो म्हारे देश’ थीम के साथ लोगों के बीच आई. इस झांकी के जरिए राजस्थान के त्योहारों को दिखाया गया.

गणतंत्र दिवस परेड में महाराष्ट्र की झांकी ‘भारतीय लोकतंत्र के लिए प्रेरण: छत्रपति शिवाजी महाराज’ थीम के साथ निकाली गई.

आंध्र प्रदेश की झांकी की थीम ‘आंध्र प्रदेश में स्कूली शिक्षा में बदलाव से छात्रों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना’ रहा.

लद्दाख की झांकी कर्तव्य पथ पर ‘विकसित भारत: लद्दाख की यात्रा में रोजगार के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना’ थीम के साथ परेड करने निकली.

तमिलनाडु की झांकी की थीम ‘प्राचीन तमिलनाडु में कुदावोलाई प्रणाली-लोकतंत्र की जननी’ रहा, जिसमें लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की बात की गई.

कर्तव्य पथ पर गुजरात की झांकी को ‘धोर्डो: गुजरात के सीमा पर्यटन का एक वैश्विक प्रतीक’ थीम के साथ लाया गया. यहां पारंपरिक नृत्य भी देखने को मिला.

मेघालय की झांकी की थीम ‘मेघालय का समृद्ध पर्यटन’ रहा, जिसमें बताया गया कि राज्य में घूमने वाली जगहें कौन सी हैं.

झारखंड की झांकी कर्तव्य पथ पर ‘झारखंड का तसर सिल्क’ थीम के साथ आई. इसमें सिल्क की समृद्धता को दर्शाया गया.

उत्तर प्रदेश की झांकी ‘अयोध्याः विकसित भारत-समृद्ध विरासत’ के साथ पेश किया गया. झांकी पर रामलला भी दिखाई दिए.

तेलंगाना की झांकी का थीम ‘जमीनी स्तर पर लोकतंत्र: तेलंगाना के स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत’ था.

राफेल की दिखी गरज

इस साल गणतंत्र दिवस परेड में फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि के रूप में कर्तव्य पथ पर इस भव्य कार्यक्रम के गवाह बने. परेड के दौरान एयरशो भी देखने को मिला. फ्रांसीसी वायु एवं अंतरिक्ष बल के तीन विमान, भारतीय वायु सेना के 46, भारतीय नौसेना का एक और भारतीय सेना के चार हेलीकॉप्टर ने फ्लाई पास्ट (सलामी उड़ान) में भाग लिया. वहीं, परेड में बहुउद्देश्यीय टैंकर परिवहन विमान के साथ दो राफेल लड़ाकू विमान दिल्ली के आसमान में गरजे. जब फ्रांस के करीब 95 जवानों ने कर्तव्य पथ पर मार्च में भाग लिया तब राफेल विमानों ने आसमान में उड़ान भरी.

परेड में दिखा नारी शक्ति का पराक्रम

सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा की महिला टुकड़ी ने पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया. सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा की झांकी में महिला अधिकारियों की शक्ति, अनुशासन और दृढ़संकल्प को प्रदर्शित किया गया. गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार महिलाओं की त्रि-सेवा टुकड़ी भी हिस्सा बनी. सीआरपीएफ के महिला बैंड ने भी परेड में हिस्सा लिया. इस बैंड ने ‘देश के हैं हम रक्षक’ धुन को बजाते हुए परेड किया. सीआरपीएफ का महिला मार्च का दस्ता सलामी मंच के सामने सैल्यूट करते हुए भी कर्तव्य पथ से गुजरा.

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