भोपाल(नप्र)। तीन मंजिला रथ सबसे ऊपर भगवान जिनेन्द्र की प्रतिमा विराजमान थी। रथ पर प्रमुख पात्र सौधर्म इन्द्र, कुबेर एवं महायज्ञ नायक बैठे थे। श्रद्धालु श्रद्धा, भक्ति और आस्था के साथ रथ को स्पर्श कर रहे थे। यह दृष्य था आचार्य विशुद्ध सागर महाराज के शिष्य मुनि सुप्रभ, आराध्य, प्रणत सागर महाराज, सुहित सागर महाराज के मंगल सानिध्य में नीलबड़ जैन मंदिर के पंच कल्याणक महोत्सव के समापन अवसर पर निकली। गजरथ यात्रा का इसके पूर्व मुनिसंघ के सानिध्य में मोक्ष कल्याणक की क्रियाएं हुईं। विश्व शांति की कामना और सभी के मंगलमय जीवन की विशेष प्रार्थना के साथ विश्व शांति महायज्ञ में आहुतियां दी गईं। गाजे-बाजे के साथ भविष्य गजरथ यात्रा में भगवान जिनेन्द्र के तीन रथ श्रद्धा, भक्ति और आस्था के मुख्य केंद्र थे। आयोजन समिति के अध्यक्ष राजेश भारिल्ल ने बताया कि अनुष्ठान में जयपुर, राजस्थान से आईं भगवान जिनेन्द्र की 11 जिन प्रतिमाएं प्रतिष्ठित हुईं। केसरिया ध्वज पताकाओं के तले निकली गजरथ यात्रा में श्रद्धालुओं का उत्साह देखने ही बनता था। महिलाएं दिव्य घोष के माध्यम से भगवान जिनेन्द्र की भक्ति कर रही थी चिन्मय दिव्य घोष के युवा कार्यकर्ता जयकारों से सम्पूर्ण शोभायात्रा का मार्ग गुंजायमान कर रहे थे। केसरिया…केसरिया…आज हमारो रंग भयो केसरिया…प्रभु रथ में हुये सवार, नगाड़ा बाज रहा, आया रे आया देखो प्रभुजी का रथ आया आदि भजनों पर श्रद्धालु प्रभु की भक्ति में लीन थे। अयोध्या नगर बनी आयोजन स्थल की सात परिक्रामएं लगाई गईं। भगवान जिनेन्द्र का अभिषेक और विशेष शांतिधारा की गई। मुनि सुप्रभ सागर महाराज ने कहा कि जीवन को ऐसा बनाओ कि स्वयं से पहले पर के कल्याण का सोचें। परिणामों को सहज, सरल और निर्मल बनाओ तो आज यह पाषाण से भगवान बनने का अनुष्ठान देखना सार्थक है। आयोजन के साक्षी भोपाल सहित इंदौर, जबलपुर, सीहोर, आष्टा, बैरसिया, रायसेन, मंडीदीप के श्रद्धालु बने। इस अवसर पर मुख्य रूप से दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक भगवानदास सबनानी, राजेश भारिल्ल, मनोज बांगा, प्रमोद हिमांशु सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।