Health Tips: हमारे शरीर के सभी अंग आपस में एक दूसरे से जुड़े होते हैं, यही कारण है कि किसी एक अंग में होने वाली समस्या के कारण पूरा शरीर प्रभावित हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हम सभी अक्सर हृदय-फेफड़े जैसे अंगों में होने वाली समस्याओं को लेकर तो अलर्ट रहते हैं और इसे ठीक रखने के लिए प्रयास भी करते रहते हैं, पर आंख-कान जैसे अंगों की सेहत पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है। हालांकि इन अंगों में होने वाली समस्याओं के कारण भी शरीर में गंभीर दुष्प्रभावों का जोखिम हो सकता है।
कानों की इस समस्या पर गंभीरता से ध्यान दिए जाने की जरूरत होती है क्योंकि जिन कारणों से ये समस्या विकसित होती है, उसके दीर्घकालिक जोखिम हो सकते हैं।
टिनिटस की समस्या के बारे में जानिए
कानों में आवाज आने की समस्या यानी टिनिटस के कारण आप अपने एक या दोनों कानों में घंटी बजने या शोर जैसी आवाज का अनुभव कर सकते हैं। आप जो आवाज सुनते हैं वह किसी बाहरी ध्वनि के कारण नहीं होता है और अन्य लोग इसे नहीं सुन सकते हैं।
टिनिटस बहुत आम सी समस्या है और यह लगभग 15 प्रतिशत से 20 प्रतिशत लोगों को प्रभावित करती है। विशेषरूप से वृद्ध लोगों में इसके होने का खतरा अधिक माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, टिनिटस आमतौर पर किसी अंतर्निहित समस्या के कारण हो सकती है जिसपर ध्यान देना और इलाज कराना बहुत आवश्यक हो जाता है।
कान में चोट या संक्रमण हो सकती है वजह
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, टिनिटस आमतौर पर किसी अंतर्निहित समस्या जैसे उम्र से संबंधित सुनने की बीमारी, कान में चोट या संक्रमण, संचार प्रणाली की समस्या के कारण हो सकती है। अगर इन स्थितियों का समय पर निदान या उपचार न हो पाए तो इसके कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के विकसित होने का भी खतरा रहता है।
टिनिटस की समस्या का कारण सर्दी जैसा ऊपरी श्वसन संक्रमण भी हो सकता है, जिसपर भी ध्यान दिया जाना आवश्यक होता है। टिनिटस का अगर समय पर इलाज न हो पाए तो इससे कानों में और भी कई तरह की दिक्कतें, यहां तक कि बहरापन भी हो सकता है।
हमेशा के लिए जा सकती है सुनने की शक्ति
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, हमारे कान के आंतरिक हिस्से में छोटी, नाजुक कोशिकाएं होती हैं जो ध्वनि तरंगें मिलने पर हिलती हैं। यदि आंतरिक कान में कुछ समस्या आ जाए तो इसके कारण भी टिनिटस हो सकता है और समय पर इसका इलाज न होने पर कानों की शक्ति भी जा सकती है। इसके अलावा कानों में संक्रमण या कान की नलिकाओं में रुकावट के कारण भी आपको ये दिक्कत हो सकती है।
कानों में संक्रमण का समय पर इलाज न होने पर इसका असर मस्तिष्क और अन्य हिस्सों में भी होने का जोखिम रहता है।