उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का जिक्र किया. लगे हाथों काशी और मथुरा में मंदिर-मस्जिद विवाद की तरफ भी इशारा किया. अयोध्या में बालक राम की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा के एक महीने के अंदर ही योगी ने मथुरा और काशी की बात की है.
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “यह मेरा और मेरी सरकार का सौभाग्य है कि हमने अयोध्या दीपोत्सव को संभव बनाया, जो एक राष्ट्रीय उत्सव बन गया. अयोध्या नगरी को पिछली सरकारों ने निषेधाज्ञा और कर्फ्यू के दायरे में ला दिया था. सदियों तक अयोध्या को कुत्सित इरादों से अभिशाप दिया गया. इसे सुनियोजित तिरस्कार का सामना करना पड़ा. जनभावनाओं के साथ ऐसा व्यवहार शायद कहीं और नहीं देखा गया. अयोध्या को अन्याय का सामना करना पड़ा.” अयोध्या में राम जन्मभूमि भूमि पर एक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई. साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद इसे मंदिर निर्माण के लिए सौंप दिया गया था. मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि स्थल और वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर दो अन्य विवादित भूमि हैं, जिन पर हिंदू दावा कर रहे हैं.