Madhya Pradesh Assembly: भोपाल। मप्र विधानसभा का बजट शत्र बुधवार से शुरू हो गया है। गुरुवार को यानी आज सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में हरदा कांड की गूंज सुनाई दी। कांग्रेस के सदस्यों द्वारा हरदा की दुर्घटना को लेकर काम रोको सूचना पर चर्चा कराने की मांग की, जिसे विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने स्वीकार कर लिया।
घटना दुर्भाग्यपूर्ण, किसी दोषी को नहीं बख्शेंगे – मुख्यमंत्री
हरदा की पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट की घटना को लेकर विधानसभा में विपक्ष द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा में मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा कि जांच कराई जा रही है। कितना ही बड़ा अधिकारी क्यों ना हो, दोषी को नहीं छोड़ा जाएगा। पूरे प्रदेश में जांच के लिए टीम गठित कर दी है। मैं इस बात में नहीं पड़ना चाहता हूं कि तीन वर्ष पहले किसकी सरकार थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है। जैसे ही इसकी जानकारी लगी तो मंत्री राव उदय प्रताप सिंह को अधिकारियों के साथ भेजा। तत्काल सभी कलेक्टरों की आपात बैठक बुलाई गई। जो वीडियो देखा था, उससे ऐसा लग रहा था मानो परमाणु बम फूट गया हो। केंद्रीय गृहमंत्री को तत्काल सूचना दी गई क्योंकि तब तक घटना के संबंध में कोई ठोस जानकारी नहीं थी। 100 फायर ब्रिगेड 50 एंबुलेंस भेजी अस्पतालों में तैयारी की गई ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए यदि किसी को बाहर भेजने की आवश्यकता होगी तो उपचार के लिए अवश्य भेजा जाएगा। यह भी देखा जाएगा कि ऐसी फैक्ट्री के आसपास किसी तरह की बस्ती ना हो।
विपक्ष ने की न्यायिक आयोग गठित करने की मांग
उधर, विपक्ष ने इस पूरे मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित करने की मांग की जिसे नहीं माना गया। इसके बाद विपक्ष ने बहिर्गमन कर विरोध जताया और सदन के बाहर नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने आरोप लगाया कि सरकार अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रही है जांच के नाम पर लीपापोती हो रही है तत्कालीन संभाग आयुक्त पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटाए जाने पर भी विपक्ष ने कहा कि यह कोई कार्रवाई नहीं है सिर्फ दिखावा है।
अधिकारियों की मिलीभगत
कांग्रेस के विधायकों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों की मिलीभगत से ही हरदा में वह फैक्ट्री संचालित हो रही थी, जो कई लोगों की मौत का कारण बनीं। उप नेता हेमंत कटारे ने कहा कि कई लोग अपने परिचितों को तलाश रहे हैं। ट्रांसफर करना यह हटाना कोई कार्रवाई नहीं है। रामनिवास रावत ने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है 2015 में भी हरदा में घटना हुई थी पेटलावद में भी घटना हो चुकी है लेकिन अभी तक सरकार ने सदन में रिपोर्ट ही नहीं रखी है जबकि यदि रिपोर्ट प्रस्तुत कर जाती तो संभव है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति ना हो उसके संबंध में कोई व्यवस्था बन जाती। स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने घटना के बाद किए गए घटनास्थल के निरीक्षण और सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं की जानकारी सदन को दी। वहीं, विश्वास सारंग ने जब गिरफ्तार आरोपितों के नाम के साथ जी का उल्लेख किया तो विपक्ष ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि वे लोग सम्मान के हकदार नहीं है कई लोगों की जान गई है। सारंग ने भी तत्काल गलती सुधारते हुए कहा कि मैं अपने शब्द वापस लेता हूं।
कांग्रेस विधायक ने प्रतीकात्मक सुतली बम के साथ किया प्रदर्शन
इससे पहले आज हरदा के कांग्रेस विधायक आरके दोगने गले में सुतली बम की माला पहनकर विधानसभा पहुंचे। उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध दर्ज कराया और कहा कि हरदा कांड मामले की जांच के लिए बनाई गई टीम में विधायकों, पत्रकारों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
तलघर की गहन जांच हो
विधायक आरके दोगने ने कहा कि पटाखा फैक्ट्री में जब यह भीषण हादसा हुआ, उस वक्त वहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। पटाखा फैक्ट्री में जो तलघर है उसे खोलकर देखा जाना चाहिए। लेकिन मुख्यमंत्री के हरदा से वापस लौटकर आने के बाद जांच बंद कर दी गई है। रेस्क्यू भी खत्म कर दिया गया है, जबकि तलघर में बड़े पैमाने पर लोग हो सकते हैं।
विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया पलटवार
इसको लेकर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि बम, पटाखा, आतंकवाद इनकी जड़ कांग्रेस ही है। विपक्ष के विधायकों को चाहिए कि इस तरह का आचरण न करें और सदन की कार्यवाही में सहयोग करें।
सदन में गरजे हरदा विधायक
सदन में पटाखा फैक्ट्री विस्फोट कांड पर चर्चा के दौरान हरदा विधायक आरके दोगने ने कहा कि आरोप लगाया गया है कि फैक्ट्री मालिक को मेरा संरक्षण था। अगर ऐसा है तो मुझे फांसी दें। जो वहां मंत्री था, उसका संरक्षण फैक्ट्री मालिक को था तो उसे फांसी होनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार बोले- इतनी बड़ी घटना हो गई और मुख्यमंत्री चेंबर में बैठे हैं।