GSLV-F14/INSAT-3DS Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन 17 फरवरी को INSAT-3DS अंतरिक्ष यान को लॉन्च करेगा। यह उपग्रह 17 फरवरी को शाम 5.30 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। इसरो ने गुरुवार को मिशन का अपडेट दिया। यह स्पेस एजेंसी के जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल की 16वीं उड़ान होगी। इस उपग्रह को 25 जनवरी को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र लाया गया था।
क्या है इन्सैट-3DS?
इन्सैट-3DS एक मौसम विज्ञान और आपदा चेतावनी उपग्रह है। यह नया भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह है। INSAT-3D और INSAT-3DR उपग्रहों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को जारी रखने की अनुमति देगा। इसरो के अनुसार, इन्सैट 3डी एक जियोसिंक्रोनस उपग्रह है, जो वायुमंडलीय इमेजर और साउंडर जैसे मौसम संबंधी पेलोड से लैस है। इन्सैट-3डीआर, इन्सैट-3डी का उन्नत संस्करण है।
मौसम पूर्वानुमान और आपदा की देगा चेतावनी
उपग्रह का उत्थापन द्रव्यमान 2275 किग्रा है। इसरो के अनुसार, इन्सैट-3DS को मौसम संबंधी अवलोकन करने, मौसम पूर्वानुमान और आपदा चेतावनी के लिए डिजाइन किया गया है। उपग्रह कई अत्याधुनिक पेलोड से लैस है। जिसमें छह चैनल इमेजर, एक 19-चैनल साउंडर और दो संचार पेलोड है। साथ ही डेटा रिले ट्रांसपोंडर उपकरण और सैटेलाइट-एडेड सर्च एंड रेस्क्यू ट्रांसपोंडर हैं।
इसरो का साल 2024 का दूसरा मिशन
डीआरटी का उद्देश्य स्वचालित डेटा संग्रह प्लेटफार्मों और स्वचालित मौसम स्टेशनों से मौसम, जल और समुद्र विज्ञान डेटा प्राप्त करना है। वहीं, मौसम पूर्वानुमान क्षमताओं को बढ़ाना है। जीएसएलवी एफ14 इसरो का 93वां और इस वर्ष का दूसरा मिशन होगा।