मध्यप्रदेश विकसित राज्य के रूप में स्थापित होने के मार्ग पर अग्रसर है
MP News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारी सरकारों के निरंतर प्रयासों के परिणाम स्वरूप मध्यप्रदेश विकसित प्रदेश के रूप में स्थापित होने के मार्ग पर अग्रसर है। पहले की सरकारों में मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य के रूप में जाना जाता था। जीडीपी में मध्यप्रदेश का योगदान लगभग 4.5 प्रतिशत है, जिसे क्रमबद्ध रूप से 9 प्रतिशत तक करने के लिए प्रयास जारी हैं। हमारी सरकार ने एक बार भी ओवर ड्राफ्ट नहीं लिया है, जबकि विपक्षी दलों की सरकार में लगभग हर दो माह में ओवर ड्राफ्ट की स्थिति बनती थी। प्रदेश सभी दिशाओं में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। कृषि विकास दर 25 प्रतिशत है। यह विश्व के किसी भी राज्य की सर्वाधिक विकास दर है । प्रदेश की औद्योगिक विकास दर 24 प्रतिशत है। प्रदेश का सिंचित क्षेत्र भी लगातार बढ़ रहा है, लगभग 56 हजार हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई हो रही है,जिसे बढ़ाकर एक लाख हेक्टर करने का लक्ष्य है। प्रदेश में सबसे पहले नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में प्रदेश को देश में नम्बर बनाने के लिए नीति आयोग के माध्यम से विभिन्न विभागों के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने आज नई दिल्ली में मीडिया समूह द्वारा अयोजित चर्चा में यह विचार व्यक्त किए।
सनातन संस्कृति की दुर्गायन , कृष्णायन, शिवायन परम्पराएं उज्जैन से जुड़ी हैं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर प्रदेश के कई शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया गया है। इसी क्रम में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर परिसर में सनातन संस्कृति के विभिन्न पहलुओं की जानकारी आमजन को सरलता पूवर्क उपलब्ध कराने के उद्देश्य से महाकाल महालोक विकसित किया गया। सनातन संस्कृति की दुर्गायन , कृष्णायन, शिवायन परम्पराएं उज्जैन से जुड़ी हैं। उज्जैन, भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली रही , दुर्गायान के अंतर्गत हरसिद्धी माता की शक्ति पीठ है, साथ ही शैव परम्परा भी उज्जैन में सशक्त रूप से विद्यमान है। इन सभी प्रसंगों को समझाने और आध्यात्मिक सिद्धांतों की सरलता से जानकारी देने के उद्देश्य से दृश्य रूप से प्रस्तुतिकरण किया गया और कई प्रतिमाओं का निर्माण कराया गया। गत दिनों प्राकृतिक आपदा के परिणाम स्वरूप कुछ मूर्तियां क्षतिग्रस्त हुईं जिन्हें निर्माण एजेंसी द्वारा अनुबंध के अनुसार पुन: संधारित कराया गया।
नदी जोड़ो अभियान को निर्णायक रूप प्रदान किया जा रहा है
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जारी विकास के उत्सव में देश की जनता प्रतिबद्धता से शामिल रहेगी। विकास और जनकल्याण को समर्पित राज्य सरकार पर प्रदेशवासियों का विश्वास है। राज्य सरकार जनता से जुड़कर जन हितैषी निर्णयों को तेजी से लागू कर रही है। लगभग तीन माह में हमने सभी क्षेत्रों में प्रगति की है। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के प्रयासों से निमाड़, मालवा और महाकौशल में नर्मदा नदी के दोनों और सिंचित क्षेत्र बढ़ा है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ों अभियान का क्रियान्वयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरंभ किया गया है। इसके अंतर्गत केन -बेतवा नदी जोड़ो अभियान को निर्णायक स्वरूप प्रदान किया गया है। बीस साल से लंबित पार्वती-काली सिंध चंबल परियोजना को गति प्रदान की गई है। सत्तर हजार करोड़ की इस परियोजना से पश्चिमी मध्यप्रदेश के 13 जिलों को लाभ होगा। जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में होने वाले कोंदो-कुटकी और अन्य मोटे अनाजों के लिए एक हजार रुपए प्रति क्विंटल का प्रोत्साहन दिया गया है। इनके उत्पादों के लिए खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों की श्रृंख्ला विकसित की जा रही है। मध्यप्रदेश कृषि आधारित राज्य है, अत: कृषि की पढ़ाई को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों के अलावा सामान्य विश्वविद्यालयों में भी कृषि और हार्टिकल्चर के अध्ययन की व्यवस्था की गई है।
व्यायाम, योग सहित अन्य उपयोगी विधाएं भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनें
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युवाओं को शिक्षा और ज्ञार्नाजन के लिए प्रोत्साहित करने के साथ स्वस्थ जीवन जीने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि व्यायाम, योग व शारीरिक सौष्ठव सहित अन्य उपयोगी विधाएं भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनें। स्वस्य्ै शरीर में ही स्वस्य्ो मस्तिष्क का वास होता है, इस तथ्य से सभी को अवगत कराना आवश्यक है।