MP News: भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों का शिक्षा सत्र एक अप्रैल से शुरू करने का आदेश दिया है, लेकिन कुछ स्कूलों में मार्च के चौथे सप्ताह में ही नया सत्र शुरू करने की तैयारी में हैं।निजी स्कूलों द्वारा रिजल्ट के समय ही अभिभावकों को किताबों की सूची दे दी गई है। इस कारण के कई विषयों की किताबें बाजार में नहीं मिल रही है। वहीं निजी स्कूल संचालकों ने कुछ खास प्रकाशकों की किताबों को ही पाठ्यक्रम में शामिल किया है।ये किताबें स्कूल संचालकों द्वारा निर्धारित की गई दुकानों पर ही मिल रही है।किताब दुकान संचालक अभिभावकों से स्कूल का नाम पूछते हैं और कापी-किताबों का पूरा सेट पकड़ा देते हैं।ऐसे में स्कूल संचालकों को कमीशन देने के फेर में किताब दुकान निजी प्रकाशकों की किताबों का मनमाना कीमत वसूल रहे हैं।वहीं निजी स्कूल आठवीं कक्षा तक एनसीईआरटी के बदले निजी प्रकाशकों की किताबें चला रहे हैं। इस कारण अभिभावकों पर दोगुना भार पड़ रहा है। कुछ स्कूल एनसीईआटी के साथ-साथ निजी प्रकाशकों की किताबें भी चला रहे हैं। बाजार में किताब दुकान एनसीईआरटी की किताबें उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, ताकि अभिभावक निजी प्रकाशकों की किताबें खरीद सकें।
निजी प्रकाशकों की किताबें महंगी
एनसीईआरटी की एक किताब 50 से 60 रुपये मिलती है तो निजी प्रकाशकों की किताबें 300 से 400 रुपये में मिल रही है। ऐसे में तीसरी कक्षा में एनसीईआरटी की पांच किताबें 300 से 400 रुपये में मिल रही है। वहीं निजी प्रकाशकों की चार से पांच हजार रुपये में मिल रही है।
निजी स्कूलों का खास दुकानों से सांठ-गांठ
छोटे किताब व्यापारियों का कहना है कि निजी स्कूलों की कुछ खास दुकानों से सांठ-गांठ होने के कारण सभी किताबें उनके ही दुकानों पर मिलती है।दुकानों पर एनसीईआरटी की किताबें नहीं मिलती है।इस कारण अभिभावकों को महंगी किताबें खरीदनी पड़ रही है।
एनसीईआरटी की किताबें नहीं आई है
बुक एंड बुक डिपो के राजेश साेलंकी ने बताया कि एनसीईआरटी की किताबें केंद्र से आती है।अभी एनसीईआरटी की कुछ कक्षाओं की किताबें नहीं आई है।इस कारण उपलब्ध नहीं है।अप्रैल में आने की संभावना है।
इनका कहना है
– हमारा बेटा आठवीं कक्षा से नौंवी में आया है। उसके परीक्षा परिणाम जारी हो गया है। अब उसे एनसीईआरटी की पुस्तक की जरूरत है,लेकिन दुकान पर एनसीईआरटी की पुस्तक नहीं मिल रही है।पुस्तक विक्रेता का कहना है कि अप्रैल में आएगी।पाठ्यक्रम बदल गया है।
सीमा शर्मा, अभिभावक
– एनसीआरटी की पुस्तक बाजार में नहीं मिल रही है कि बेटा नौंवी से दसवीं कक्षा में आ गया है।स्कूल शुरू हो गए हैं, पुरानी किताब इस बार नहीं चल पाएगी।
उमा मौर्य, अभिभावक
– अपने बच्चे के लिए किताब लेने दुकान पहुंचें तो काफी भीड़ थी।उन्हें टोकन देकर इंतजार करने के लिए कहा गया।इंतजार करने के बाद उनका नंबर आया, लेकिन उन्हें एनसीईआरटी की किताबें नहीं मिली।
डा. अशोक शर्मा, अभिभावक
इनका कहना है
-30 प्रतिशत निजी स्कूलों ने किताबों की सूची सौंपी है। 31 मार्च तक का समय दिया गया है।इसमें एनसीईआरटी की किताबों का निरीक्षण किया जाएगा।
अंजनी कुमार त्रिपाठी,जिला शिक्षा अधिकारी