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कड़ी सुरक्षा के बीच आज से शुरू हो गई अमरनाथ यात्रा

जम्मू : शनिवार, जून 29, 2024/ 52 दिनों तक चलने वाली वार्षिक अमरनाथजी यात्रा आज सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच कश्‍मीर घाटी के पहलगाम और बालटाल मार्ग से शुरू हो गई। यह यात्रा 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन संपन्न होगी। जम्‍मू कश्‍मीर प्रशासन ने यात्रा को सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाने के लिए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए हैं।

अनंतनाग में पारंपरिक नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल में बालटाल मार्ग से आज शुरू हुई अमरनाथ यात्रा 52 दिन तक चलेगी। यह 19 अगस्त को खत्म होगी। इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए 3.50 लाख से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। 26 जून से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है।

कल शुक्रवार को 4,603 तीर्थयात्री कश्मीर घाटी के बालटाल और पहलगाम बेस कैंप पहुंचे थे। 231 गाड़ियों में सवार होकर जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास बेस कैंप से CRPF की थ्री लेयर सुरक्षा के बीच यह जत्था रवाना हुआ था।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों को रवाना किया था। उपराज्यपाल ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षित यात्रा की कामना की। उन्होंने कहा कि बाबा अमरनाथ जी का आशीर्वाद सभी के जीवन में शांति, खुशी और समृद्धि लाए।
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर पहुंचने पर पुलिस और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के काजीगुंड इलाके में नवयुग सुरंग पर 4,603 तीर्थयात्रियों का स्वागत किया।

गांदरबल के बालटाल और पहलगाम के नुनवान बेस कैंप में दर्शन के लिए पहुंचे तीर्थयात्रियों के लिए बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। यहां रोजाना 9 हजार लोग रुक सकते हैं। दोनों यात्रा मार्गों पर 260 टॉयलेट, 120 वॉशरूम, हर 100 मीटर पर मोबाइल यूरिन पॉइंट हैं, ताकि आसानी रहे।

बालटाल से 2 किलोमीटर पर दोमेल कैंप है। 5 किलोमीटर आगे बरारी मार्ग है। यहां से 4 किलोमीटर पर संगम है। यहां पहुंचते ही 80% यात्रा पूरी हो जाती है। यहां से तीन किलोमीटर पर गुफा है। बालटाल से 4 किलोमीटर तक 20 फीट चौड़ी रोड है, बाद में 12 फीट रह जाती है। दोनों मार्गों पर DRDO के 100-100 बेड के अस्पताल हैं।

इस रूट से गुफा तक पहुंचने में 3 दिन लगते हैं, लेकिन ये रास्ता आसान है। यात्रा में 3 किलोमीटर की सिर्फ एक ही खड़ी चढ़ाई है। पहलगाम से पहला पड़ाव चंदनवाड़ी है। ये बेस कैंप से 16 किमी दूर है। यहां से चढ़ाई शुरू होती है। 3 किमी चढ़ाई के बाद यात्रा पिस्सू टॉप पर पहुंचती है। पिस्सू टॉप की ही खड़ी चढ़ाई है।
इसके बाद यहां से पैदल चलते हुए शाम तक यात्रा शेषनाग पहुंचती है। ये सफर करीब 9 किमी का है। अगले दिन शेषनाग से यात्री पंचतरणी जाते हैं। ये शेषनाग से करीब 14 किमी है। पंचतरणी से गुफा सिर्फ 6 किमी रह जाती है।

 

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