कृष्णमोहन झा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अतीत में उच्च शिक्षा मंत्री पद की जिम्मेदारी का सफलतापूर्वक निर्वहन करते हुए राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार हेतु अनेक उल्लेखनीय कदम उठाए थे। राज्य में नई राष्ट्रीय शिक्षा के त्वरित क्रियान्वयन में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। सात माह पूर्व मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने के बाद मोहन यादव ने राज्य में शिक्षा प्रणाली में उत्तरोत्तर सुधार पर अपना ध्यान केंद्रित किया और यह मुख्यमंत्री के उसी सकारात्मक चिंतन का सुपरिणाम है कि 14 जुलाई को मध्यप्रदेश के हर जिले को प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस की सौगात मिलने जा रही है । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने करकमलों से इंदौर में प्रदेश भर के 55 प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस का एक साथ शुभारंभ करेंगे । यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है जिसके लिए राज्य के उच्च शिक्षित मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भूरि भूरि प्रशंसा के हकदार हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि मुख्यमंत्री की पहल पर शुरू हो रहे प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के सुप्रतिष्ठित संस्थानों के रूप में सारे देश में मध्यप्रदेश का नाम रोशन करने में समर्थ होंगे और जिस तरह अतीत में मध्यप्रदेश की अनेक योजनाओं को दूसरे राज्यों की सरकारों ने अपने यहां लागू करने में दिलचस्पी दिखाई उसी तरह मध्यप्रदेश के प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस भी भविष्य में देश के दूसरे राज्यों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगे।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस को भारतीय ज्ञान परंपरा का केंद्र बताते हुए कहा कि इन एक्सीलेंस कालेजों की विशेषता यह है कि इनमें नई शिक्षा नीति के अनुरूप सभी कोर्स उपलब्ध होंगे तथा ये कालेज सभी संसाधनों से युक्त होंगे। इनसे युवा पीढ़ी को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों से उनके जिलों में आयोजित इन एक्सीलेंस कालेजों के शुभारंभ के अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को इस तरह विकसित किया जाए कि उनमें अध्ययन के लिए दूसरे राज्यों के छात्र भी आएं। मुख्यमंत्री ने कहा है मध्यप्रदेश में शिक्षा का स्तर पहले से काफी बेहतर हो गया है और उसमें और गुणात्मक सुधार लाने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है।
गौरतलब है कि पिछली सरकार में मोहन यादव जब शिक्षा मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल रहे थे तब भी उन्होंने शैक्षणिक सुधारों की दिशा अभिनव कदम उठाए थे। मोहन यादव ने 2021 से मध्यप्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में स्नातक स्तर तक के पाठ्यक्रमों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करवाकर सारे देश में मध्यप्रदेश को अग्रणी स्थान पर ला दिया था। इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भी उनकी सराहना की । उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में उनके कार्य काल में ही राज्य के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में स्नातक स्तर के बेसिक कोर्स में हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा के साथ पर्यावरण,योग और ध्यान के पाठ्यक्रम को अनिवार्य किया गया। भारतीय ज्ञान परंपरा में अटूट आस्था रखने वाले डॉ मोहन यादव ने रामायण और गीता को भी वैकल्पिक विषय के रूप में पाठ्यक्रम में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इतना ही नहीं, स्टार्ट अप, उद्यमिता, व्यक्तित्व विकास, महिला सशक्तिकरण और चरित्र निर्माण को भी पाठ्यक्रम में जोड़ा गया। खुद भी कृषि से जुड़ाव रखने वाले उच्च शिक्षा मंत्री ने कृषि से जुड़े विषयों का भी पाठ्यक्रम में समावेश किया। मोहन यादव ने महाविद्यालयों के शैक्षणिक स्तर में सुधार के उद्देश्य से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के लिए नैक से ग्रेड प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया। इसमें दो राय नहीं हो सकती कि उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में जो फैसले लिए उनके अच्छे परिणाम सामने आए हैं।
डॉ मोहन यादव ने पूर्व सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जो अभिनव प्रयोग किए थे उसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए अब मुख्यमंत्री के रूप में वे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए कृतसंकल्प हैं। राज्य में एक साथ 55 प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस का शुभारंभ करने के मुख्य मंत्री के महत्वाकांक्षी फैसले से केंद्र सरकार भी बेहद प्रभावित है। इन कालेजों में रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान करने पर विशेष जोर दिया जाएगी। प्रदेश के जिन कालेजों का प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस के रूप में उन्नयन के लिए चयन किया गया है उनमें अगर पूर्व में केवल कला और वाणिज्य संकाय संचालित किए जा रहे थे तो अब उनमें विज्ञान संकाय भी प्रारंभ किया जाएगा। प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस को संसाधनों को कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। सरकार ऐसे सभी 55 कालेजों को संपूर्ण साधन संपन्न बनाने के लिए अलग से फंड उपलब्ध कराएगी।इन कालेजों में अध्ययन के लिए चयनित छात्र नाममात्र के शुल्क पर बस सुविधा भी प्राप्त कर सकेंगे।
लेखक राजनैतिक विश्लेषक है।