Home Business News चना, तुअर और उड़द की कीमतों में 4 प्रतिशत तक की गिरावट

चना, तुअर और उड़द की कीमतों में 4 प्रतिशत तक की गिरावट

नई दिल्ली : बुधवार, जुलाई 17, 2024/ उपभोक्ता मामलों के विभाग ने कल भारतीय खुदरा विक्रेता संघ (आरएआई) के साथ दालों के संबंध में मूल्य परिदृश्य तथा निर्दिष्ट खाद्य पदार्थों पर लाइसेंसिंग आवश्यकताओं, स्टॉक सीमाओं और आवागमन प्रतिबंधों को हटाने के (पहला और दूसरा संशोधन) आदेश, 2024 के तहत दिनांक 21.06.2024 और 11.07.2024 में निर्धारित तुअर और चना के लिए स्टॉक सीमाओं के अनुपालन पर चर्चा के लिए बैठक आयोजित की। इस बैठक की अध्यक्षता भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव निधि खरे ने की।

आरएआई के 2300 से अधिक सदस्य हैं और देश भर में इसके लगभग 6,00,000 से अधिक बिक्री केन्‍द्र (आउटलेट) हैं। उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव निधि खरे ने बताया कि पिछले एक महीने में प्रमुख मंडियों में चना, तुअर और उड़द की कीमतों में 4 प्रतिशत तक की गिरावट आई है, लेकिन इनकी खुदरा कीमतों में ऐसी कोई गिरावट नहीं देखी गई है। उन्होंने थोक मंडी कीमतों और खुदरा कीमतों के बीच अलग-अलग रुझानों की ओर इशारा किया, जिससे लगता है कि खुदरा विक्रेताओं को ज़्यादा मुनाफ़ा मिल रहा है।

उन्होंने यह भी बताया कि खरीफ दलहन की बुआई की प्रगति अच्छी है। सरकार ने प्रमुख खरीफ दलहन उत्पादक राज्यों में तुअर और उड़द के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए हैं, जिसमें नेफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों का वितरण शामिल है। कृषि विभाग सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए राज्य कृषि विभागों के साथ निरंतर संपर्क में है।

मौजूदा मूल्य परिदृश्य और खरीफ संभावना को ध्‍यान में रखते हुए, सचिव ने खुदरा उद्योग से कहा कि वे दालों की कीमतों को उपभोक्ताओं के लिए किफायती बनाए रखने के सरकार के प्रयासों में हर संभव सहायता प्रदान करें। उन्होंने बताया कि बड़े खुदरा विक्रेताओं सहित सभी स्टॉकहोल्डिंग संस्थाओं की स्टॉक स्थिति पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्धारित सीमा का उल्लंघन न हो। स्टॉक सीमा का उल्लंघन, बेईमान सट्टेबाजी और बाजार से जुड़े लोगों की ओर से मुनाफाखोरी पर सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

खुदरा उद्योग से जुड़े प्रतिभागियों ने भरोसा दिलाया कि वे अपने खुदरा मार्जिन में आवश्यक सुधार करेंगे तथा उपभोक्ताओं को किफायती मूल्य पर कीमतें उपलब्ध कराने के लिए इसे नाममात्र स्तर पर बनाए रखेंगे। इस बैठक में आरएआई, रिलायंस रिटेल, डी मार्ट, टाटा स्टोर्स, स्पेंसर, आरएसपीजी, वी मार्ट आदि के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

 

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