Home national 70 सालों बाद आज से सावन की शुरुआत, बन रहें अद्‌भुत संयोग

70 सालों बाद आज से सावन की शुरुआत, बन रहें अद्‌भुत संयोग

नई दिल्ली : सोमवार, जुलाई 22, 2024/ आज सावन माह के पहले सोमवार के दिन देशभर के शिवालयों और मंदिरों में जलाभिषेक के लिए सुबह से लंबी कतारें लगी हुई हैं। उज्जैन में महाकालेश्वर की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में श्रावण माह के पहले दिन आज सोमवार को पहली सवारी निकाली जाएगी। इस दौरान भगवान महाकाल पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण करेंगे और अपने भक्तों को मनमहेश स्वरूप में दर्शन देंगे।

देवभूमि उत्तराखंड के हरिद्वार में श्रद्धालु गंगा मैया की हर की पौड़ी पर पवित्र डुबकी लगा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और वाराणसी में भी लोग गंगा स्नान कर भगवान शिव की उपासना कर रहे हैं। महाराष्ट्र में मुंबई के बाबुलनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए हजारों लोग पहुंचे हैं। झारखंड मे देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में शिवभक्तों का तांता लगा हुआ है। हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ मंदिर में भी लोग पूजा-अर्चना करने पहुंचे हैं।

बता दें विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी भगवान महाकालेश्वर की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में श्रावण माह के पहले दिन आज सोमवार को पहली सवारी निकाली जाएगी। इस दौरान भगवान महाकाल पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण करेंगे और अपने भक्तों को मनमहेश स्वरूप में दर्शन देंगे। हरियाणा में आज से शुरू होने वाली ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा से पहले नूंह में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

वहीं दूसरी ओर श्रावण मास के पहले सोमवार पर श्री काशी विश्वनाथ की नगरी शिवमय हो गई है। अपने आराध्य की भक्ति में लीन कांवड़ियों और शिवभक्तों का रेला धाम में लगातार उमड़ रहा है। बाबा की नगरी में सावन माह के पहले दिन ही चंहुओर कंकर-कंकर शंकर का नजारा दिख रहा है। पूरे मंदिर परिक्षेत्र में सुरक्षा का व्यापक प्रबंध किया गया है। चप्पे-चप्पे पर चौकसी बरती जा रही है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए एटीएस के कमांडो तैनात किए गए हैं।

वैसे तो सावन के पूरे महीने भगवान शिव की पूजा-अर्चना, स्तुति और जलाभिषेक किया जाता है। उसमें भी विशेष रूप से सावन महीने में पड़ने वाले सोमवार का अपना खास महत्व है। इस बार सावन माह का प्रारंभ सोमवार से ही हो रहा है। इसलिए इस बार सावन माह में 5 सोमवार पड़ेंगे। ऐसा सुखद संयोग लगभग 70 वर्षों के बाद देखने को मिल रहा है, जिसमें पहला सोमवार 22 जुलाई को तो अंतिम सोमवार 19 अगस्त को पड़ेगा।

महिलाएं आज के दिन व्रत उपवास रखकर पूजा करते हुए भगवान महाकाल को प्रसन्न करने का प्रयास करती हैं। भगवान शंकर के पूजन में जलाभिषेक के साथ-साथ बेलपत्र शमी पत्र पुष्प इत्यादि अर्पित करते हुए भस्म लगाई जाती है। कहते हैं की जो भी भक्त सावन महीने में सोमवार का व्रत रखता है भगवान शंकर उसकी समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। यही नहीं इस महीने में लाखों श्रद्धालु तमाम ज्योतिर्लिंगों के दर्शन हेतु हरिद्वार, काशी, उज्जैन और नासिक पहुंचते हैं।

इस महीने में शिव भक्तों के द्वारा कावड़ यात्रा निकाली जाती है और लाखों शिव भक्त कांवड़ लेकर विभिन्न तीर्थ स्थलों पर पैदल ही पहुंचते हैं। शास्त्रों में वर्णन है कि जब चातुर्मास में भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं तब महादेव ही सृष्टि का पालन करते हैं। शिव पुराण के अनुसार सावन चातुर्मास का पहला महीना होता है, जिसके अधिपति शंकर जी है इस दौरान भोलेनाथ पृथ्वी पर वास कर अपने भक्तों के दुख, कष्ट दूर करते हैं। सावन के महीने में तीन प्रकार के व्रत रखे जाते हैं जिनमें सावन के सोमवार का व्रत 16 सोमवार व्रत और प्रदोष व्रत प्रमुख रूप से हैं।

इस बार पहला सोमवार 22 जुलाई 2024 को और दूसरा सोमवार 29 जुलाई को, तीसरा सोमवार 05 अगस्त, चौथा सोमवार 12 अगस्त और पांचवां सोमवार 19 अगस्त को रहेगा। 19 अगस्त, सोमवार को ही सावन माह का समापन होगा।

 

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